Deepak Jalane Ka Mantra | दीपक जलाने का मंत्र

 Deepak Jalane Ka Mantra  | दीपक जलाने का  मंत्र

 

दीप प्रज्वलित  | Deep Prajwalan Mantra

 शाम को दीपक जलाने का समय

 शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।

शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोस्तुते।।

दीपो ज्योति परंब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:।

दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोस्तुते।।


"जब हम दीपक जलाते हैं, तो एक विशेष मंत्र का उच्चारण करने से कई विशेष लाभ मिल सकते हैं। इस मंत्र का मूल उद्देश्य होता है कि हम जल रहे दीपक से शुभता, कल्याण, और आरोग्य प्राप्त करें, और रोगों का नाश हो। इसके अलावा, दीपक जलाने से धन और संपत्ति में वृद्धि होने की कामना की जाती है। इसके साथ ही, इस मंत्र के जाप से हमारे शत्रुओं की बुद्धि का अंत हो, और उन्हें सद्बुद्धि प्राप्त हो। यह मंत्र दीपक के ज्योति के माध्यम से व्यक्ति के पापों का नाश करने का उद्देश्य रखता है।

ज्योतिष शास्त्र में हर ग्रह और देवी-देवता के लिए अलग-अलग तरह के दीपक जलाने की सिफारिश की गई है। दीपक में कौन-सा तेल जलाना चाहिए और किस देवता के लिए किस प्रकार का दीपक होना चाहिए, इन सबका वर्णन इसमें किया गया है। दीपक में तेल का भी अपना अलग महत्व होता है, क्योंकि तेल ग्रहों से जुड़ा होता है। इसलिए देवताओं के सामने विशेष तेल का उपयोग दीपक जलाने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, शनि देव के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाने की सिफारिश की जाती है, और हनुमान जी के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाया जाता है। मांगलिक कार्यों के लिए शुद्ध घी का दीपक जलाने की सलाह भी दी जाती है।"

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