क्षमा प्रार्थना मंत्र | Kshama Prarthana Mantra

क्षमा प्रार्थना मंत्र इन हिंदी| Chama Prarthana Mantra

 

  •  पूजा के बाद क्षमा मंत्र क्षमा प्रार्थना मंत्र

 क्षमा याचना मंत्र

आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्। पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर।।
मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन। यत्पूजितं मया देव। परिपूर्ण तदस्तु मे।।

 
अर्थ: हे ईश्वर मैं आपका “आवाह्न” अर्थात् आपको बुलाना नहीं जानता हूं न विसर्जनम् अर्थात् न ही आपको बीदा करना जानता हूं मुझे आपकी पूजा भी ठीक से  करनी नहीं आती है। कृपा करके मुझे छमा  करें। न मुझे मंत्र का ज्ञान है न ही क्रिया का, मैं तो आपकी भक्ति करना भी सही से नहीं जानता। यथा संभव पूजा कर रहा हूं, कृपा करके मेरी भूल को माफ़  कर दें और पूजा को पूर्णता प्रदान करें। मैं भक्त हूं मुझसे गलती हो सकती है, हे भगवन  मुझे क्षमा कर दें। मेरे अहंकार को दूर कर दें। मैं आपकी शरण में हूं।
 

  •  दुर्गा क्षमा-प्रार्थना मंत्र | Durga Kshama Mantra


अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।

दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरि॥ 1॥

आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्।

पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि ॥ 2॥

मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वरि।

यत्पूजितं मया देवि परिपूर्णं तदस्तु मे ॥ 3॥

अपराधशतं कृत्वा जगदम्बेति चोच्चरेत्।

यां गतिं समवाण्नोति न तां ब्रह्मादयः सुराः॥ 4॥

सापराधोऽस्मि शरणं प्राप्तस्त्वां जगदम्बिके।

इदानीमनुकम्प्योऽहं यथेच्छसि तथा कुरु ॥ 5॥

अज्ञानाद्विस्मृतेभ्र्रान्त्या यन्न्यूनमधिकं कृतम्।

तत्सर्वं क्षम्यतां देवि प्रसीद परमेश्वरि॥ 6॥

कामेश्वरि जगन्मातः सच्चिदानन्दविग्रहे।

गृहाणार्चामिमां प्रीत्या प्रसीद परमेश्वरि॥ 7॥

गुह्यातिगुह्यगोप्नी त्वं गृहाणास्मत्कृतं जपम्।

सिद्धिर्भवतु मे देवि त्वत्प्रसादात्सुरेश्वरि॥ 8॥

दुर्गा क्षमा प्रार्थना मंत्र का उपयोग।

यदि अभी दुर्गा माता की पूजा अर्चना करते हैं और उस समय आपसे कोई भूल हो जाती है या उनकी प्रार्थना में किसी भी तरह की घटना हो जाती है तो ऐसे में आपको दुर्गा क्षमा प्रार्थना मंत्र का प्रयोग करना चाहिए माना जाता है इस मंत्र के प्रयोग करने के बाद दुर्गा माता आपकी उस गलती को क्षमा कर देती है इसीलिए इस मंत्र का जाप तब अवश्य करें जब आप से कोई गलती हो जाए।

  • हनुमान क्षमा मंत्र | Hanuman Kshama Mantra

 इस मंत्र को पढ़कर हनुमानजी से क्षमा-प्रार्थना करनी चाहिए उनकी पूजा करते हुए


मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर।
यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु में॥


  • पाप क्षमा मंत्र | Pap Kshama Mantra


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दुर्गा क्षमा प्रार्थना मंत्र हिंदी  | Durga Kshama Prarthana Mantra in Sanskrit

अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेहर्निशं मया।

दासोयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरि॥

आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्‌।

पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि॥

 मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वरि।

यत्पूजितं मया देवि परिपूर्णं तदस्तु मे॥

अपराधशतं कृत्वा जगदम्बेति चोच्चरेत।

यां गतिं सम्वाप्नोते न तां बह्मादयः सुराः॥

 सापराधो स्मि शरणं प्राप्तस्त्वां जगदम्बिके।

इदानीमनुकम्प्योहं यथेच्छसि तथा कुरु॥

अक्षानाद्विस्मृतेर्भ्रान्त्या यन्नयूनमधिकं कृतम्‌ ॥

तत्सर्वं क्षम्यतां देवि प्रसीद परमेश्वरि॥

कामेश्वरि जगन्मातः सच्चिदानन्दविग्रेहे।

गृहाणार्चामिमां प्रीत्या प्रसीद परमेश्वरि॥

गुह्यातिगुह्यगोप्त्री त्वं गृहाणास्मत्कृतमं जपम्‌।

सिद्धिर्भवतु मे देवि त्वत्प्रसादात्सुरेश्वरि॥

॥ श्री दुर्गार्पणं अस्तु ॥


दुर्गा क्षमा प्रार्थना मंत्र अर्थ हिंदी  | Durga Kshama Prarthana Mantra Meaning in Hindi

"मैं रोज़ हज़ारों अपराध करता हूँ,
अपने आप को आपका दास मानते हुए,
हे परमेश्वरी, कृपया मुझे माफ करें।

मैं नहीं जानता कि आपको कैसे आवाहन करना है, या कैसे आपको विदा करना है,
और न ही मुझे यह जानता हूँ कि आपका पूजन कैसे करना है,
हे परमेश्वरी, कृपया मुझे माफ करें।

मंत्र के बिना, उचित रिवाजों के बिना,
भक्ति के बिना, हे देवीदेवता की,
वह सब कुछ जो मैंने पूजा है, मेरे द्वारा स्वीकार किया जाए।

सौ अपराध करके भी, एक व्यक्ति उठ सकता है,
जबकि ब्रह्मा और अन्य लोग पहुँच नहीं सकते।

मैं अपराधों से भरा हुआ हूँ, हे जगदम्बा,
आपकी शरण पाकर, हे परमेश्वरी,
अब आपकी दया से, जैसा आप चाहें, करें।

ज्ञान की हानि के कारण, भ्रम की हानि के कारण,
जो गलतियाँ मैंने की हैं, वह सब माफ कर दी जाएं,
हे परमेश्वरी, कृपया दयालु हों।

हे इच्छाशक्ति की देवी, हे जगत की माता,
शाश्वत सत्य, चेतना, और आनंद में बास करने वाली,
इस प्रस्तावना को प्यार से स्वीकार करें,
हे परमेश्वरी, कृपया दयालु हों।

गुह्यातिगुह्यकारिणी, हे संरक्षक,
मेरी इस विनम्र प्रार्थना को स्वीकार करें,
हे परमेश्वरी, आपकी कृपा से यह पूरा हो।

**॥ श्री दुर्गार्पणं अस्तु ॥**"

इस मंत्र में व्यक्ति के द्वारा किए गए अपराधों के लिए क्षमा मांगने, भक्ति की भावना को

 और भगवान दुर्गा के प्रति समर्पण को व्यक्त किया गया है। यह प्रार्थना मानसिक मार्गदर्शन, अपनी ग़लतियों के लिए क्षमा मांगने की इच्छा और दिव्य से मिलने की ईच्छा को दर्शाती है और भगवान के दिव्य स्वीकृति की मांग को व्यक्त करती है।

 

 शिव क्षमा प्रार्थना मंत्र | Shiv Shama Prathna Mantra

 मृत्युञ्जय महारुद्र त्राहि मां शरणागतम्
जन्म मृत्युजरारोगैः पीड़ितं कर्म बन्धनैः ।।१।।

मन्त्रेणाक्षर हीनेन पुष्पेण विफलेन च
पूजितोसि महादेव तत्सर्वं क्षम्यतां मम ।।२।।

करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा
श्रवननयंजं वा मानसं वापराधम् ।।३।।

विहितमविहितं वा सर्वमेततक्षमस्व
जय जय करुणाब्धे श्री महादेवशम्भो ।।४।।

।। ॐ मृत्युञ्जयाय तत्सत् नमम ॐ ।।


 शिव क्षमा प्रार्थना मंत्र अर्थ | Shiv Shama Prathna Mantra Meaning

यह मंत्र संस्कृत में है और यहाँ उसका हिंदी अनुवाद दिया गया है:

"मृत्युञ्जय महारुद्र, मुझे बचा लो, हे जो शरणागत हैं,
जन्म, मृत्यु, और रोगों द्वारा पीड़ित, कर्मों के बंधन से।

मन्त्र के बिना, अक्षर के बिना, पुष्प के बिना,
मैं आपका पूजन करता हूँ, हे महादेव, कृपया मेरे सब कुछ क्षमा करो।

कर्म जन्मित गतिविधित वाणी और शरीर द्वारा,
सब कुछ जो गलत किया गया है या नहीं किया गया है, सब कुछ क्षमा करो।

विहित या अविहित, सब कुछ क्षमा करो,
जय हो, जय हो, करुणा सागर, श्री महादेवशम्भो।

।। ॐ मृत्युञ्जयाय तत्सत् नमः ॐ ।।" .


Shani Kshama Mantra  | शनि क्षमा मंत्र

 क्षमा प्रार्थना का विशेष मंत्र

अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेहर्निशं मया।

दासोयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।


गतं पापं गतं दु:खं गतं दारिद्रय मेव च।

आगता: सुख-संपत्ति पुण्योहं तव दर्शनात्।।


शनि देव की कृपा पाने के लिए यह मंत्र अत्यंत प्रभावशाली है। सूर्यपुत्र शनिदेव की आशीर्वाद से व्यक्ति के सभी रुके हुए, बिगड़े हुए और इच्छित कार्य पूर्ण हो जाते हैं। शनिदेव की कृपा से जीवन में खुशहाली आती है।


शनि देव के मंत्र की जाप विधि:

1. सुबह स्नान और अन्य नित्यकर्म करके तैयार हो जाएं।

2. पूजा के लिए कुश के आसन का उपयोग करें।

3. शनिदेव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें और उस पर नीले फूल अर्पित करें।

4. रुद्राक्ष की माला से मंत्र का पांच माला जाप करें।

5. प्रत्येक शनिवार को इस मंत्र का जाप करके शनिदेव से सुख-संपत्ति की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।



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