कलावा बांधने का मंत्र | रक्षा सूत्र बांधने का मंत्र
कलावा बांधने का तरीका
यह आपको कलावा बंधने और उसे उतारने के संबंधित कुछ महत्वपूर्ण सूचनाएं देता है। ये सामंजस्यपूर्ण परंपरागत प्रथाएँ हैं जो कई हिन्दू पर्वों और सामाजिक घटनाओं के दौरान अनुसरण की जाती हैं।
1. हाथ का चयन | Raksha Sutra Which Hand: कलावा पुरुषों और अविवाहित कन्याओं को दाएं हाथ में और शादीशुदा महिलाएं को बाएं हाथ में बांधा जाता है।
2. मुट्ठी बंधना: कलावा बंधते समय, जिस हाथ में कलावा बंधा जा रहा है, उस हाथ की मुट्ठी बंधी होनी चाहिए और दूसरा हाथ अपने सिर पर रखना चाहिए।
3. राउंड घुमाकर बांधना: कलावे को हमेशा 3 या 5 राउंड घुमाकर ही हाथ में बांधना चाहिए।
4. Raksha sutra mantra: कलावा बांधते समय रक्षा सूत्र बांधने का वैदिक मंत्र
"ॐयेन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः, तेन त्वां मनुबध्नामि, रक्षंमाचल माचल"
मंत्र का जाप करना चाहिए।
5. उतारने का समय: शास्त्रों के अनुसार, पुराना कलावा को मंगलवार या शनिवार के दिन उतार सकते हैं। अमावस्या तिथि को भी पुराना कलावा उतार कर नया कलावा बांध सकते हैं।
6. उतारने का तरीका: पुराने कलावा को उतार कर जल में प्रवाहित करें या फिर पीपल के पेड़ के नीचे रखें।
इन सूचनाओं का अनुसरण करते हुए व्यक्ति इस परंपरागत प्रथा को मान्यता देता है और इसे अपने धार्मिक और सामाजिक जीवन का हिस्सा मानता है।
हाथ में कलावा बांधने का मंत्र का अर्थ | रक्षा सूत्र का अर्थ
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
येन बद्धो बली राजा मंत्र का अर्थ- दानवों के महाबली राजा बलि जिससे बांधे गए थे, उसी से तुम्हें बांधता हूं। हे रक्षे!(रक्षासूत्र) तुम चलायमान न हो, चलायमान न हो।
कलावा किस दिन बांधना चाहिए
कलावा बांधने का दिन हिन्दू धर्म में कुछ विशेष मुहूर्त और परंपराओं के आधार पर निर्धारित किया जाता है। इसमें कुछ मुख्य दिनों की विशेष स्थिति होती है जो निम्नलिखित है:
1. मंगलवार (Tuesday): मंगलवार को हिन्दू धर्म में हनुमान जी का दिन माना जाता है, और इस दिन को कलावा बांधने के लिए शुभ माना जाता है।
2. शनिवार (Saturday): शनिवार को भी कलावा बांधने के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन शनि देव की पूजा और व्रत का आयोजन किया जाता है, और यह दिन भी कलावा बांधने के लिए उपयुक्त होता है।
3. अमावस्या (New Moon Day): अमावस्या के दिन भी कलावा बांधना शुभ माना जाता है।
4. विवाह और उपनयन समय: किसी का विवाह या उपनयन समय भी अच्छा होता है कलावा बांधने के लिए। इस अवसर पर भी कलावा बांधना एक शुभ संकेत होता है।
यह तथ्य रखें कि इन दिनों के अलावा भी कई परंपराएं और स्थितियां हो सकती हैं जब कलावा बांधना शुभ माना जाता है, और यह इन्हें सामाजिक और क्षेत्रीय परंपराओं के आधार पर निर्धारित होता है।
रक्षा सूत्र का महत्व | Raksha Sutra Benefits
रक्षा सूत्र हिन्दू धर्म में प्राचीन समय से प्रयुक्त एक महत्वपूर्ण मंत्र है जो यजमान या यजमानी को सुरक्षित रखने के लिए प्रयुक्त किया जाता है। इस मंत्र का महत्व निम्नलिखित कारणों से है:
1. धार्मिक दृष्टिकोण: रक्षा सूत्र एक धार्मिक मंत्र है जो यजमान या यजमानी को धार्मिक और नैतिक मूल्यों के साथ सुरक्षित रखने का संकेत करता है। इसमें यह भी प्रकट होता है कि सुरक्षा और रक्षा के लिए धर्म का पालन करना एक महत्वपूर्ण आदर्श है।
2. परंपरागत आदर्शों का प्रतिबद्धता: इस मंत्र के माध्यम से परंपरागत आदर्शों की प्रतिबद्धता दिखाई जाती है जो परिवार और समाज को सुरक्षित और समृद्ध करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
3. धार्मिक आदर्शों की शिक्षा: इस मंत्र के माध्यम से धार्मिक आदर्शों की शिक्षा दी जाती है और यह यजमान को धर्मपरायण और सजग रहने के लिए प्रेरित करता है।
4. यजमान की सुरक्षा और भलाइयों का कल्याण: रक्षा सूत्र का मुख्य उद्देश्य यजमान की सुरक्षा और भलाइयों का कल्याण है। इस मंत्र के पाठ से यजमान को सुरक्षित रखने का आशीर्वाद मिलता है और उसे अच्छे कर्मों का पालन करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
5. परंपरागत अर्थों की सुरक्षा: इस मंत्र के माध्यम से परंपरागत धरोहर और परंपरागत अर्थों की सुरक्षा की जाती है जो समाज में समृद्धि और एकता को बनाए रखने में मदद करता है।
रक्षा सूत्र का पाठ विशिष्ट मुहूर्त और यजमान के जीवन के महत्वपूर्ण संदर्भों में किया जाता है और इससे यजमान को आत्म-रक्षा और परिवार की सुरक्षा में साहस मिलता है।