दत्तात्रेय मंत्र | Dattatreya Mantra
अवधूत चिंतन श्री गुरुदेव दत्त मंत्रदत्तात्रेय मंत्र जाप
श्रीदत्तमाला मन्त्र | Datta Mala Mantra
।। ॐ नमो भगवते दत्तात्रेयाय, स्मरणमात्रसन्तुष्टाय,
महाभयनिवारणाय महाज्ञानप्रदाय, चिदानन्दात्मने
बालोन्मत्तपिशाचवेषाय, महायोगिने अवधूताय,
अनसूयानन्दवर्धनाय अत्रिपुत्राय, ॐ भवबन्धविमोचनाय,
आं असाध्यसाधनाय, ह्रीं सर्वविभूतिदाय,
क्रौं असाध्याकर्षणाय, ऐं वाक्प्रदाय, क्लीं जगत्रयवशीकरणाय,
सौः सर्वमनःक्षोभणाय, श्रीं महासम्पत्प्रदाय,
ग्लौं भूमण्डलाधिपत्यप्रदाय, द्रां चिरंजीविने,
वषट्वशीकुरु वशीकुरु, वौषट् आकर्षय आकर्षय,
हुं विद्वेषय विद्वेषय, फट् उच्चाटय उच्चाटय,
ठः ठः स्तम्भय स्तम्भय, खें खें मारय मारय,
नमः सम्पन्नय सम्पन्नय, स्वाहा पोषय पोषय,
परमन्त्रपरयन्त्रपरतन्त्राणि छिन्धि छिन्धि,
ग्रहान्निवारय निवारय, व्याधीन् विनाशय विनाशय,
दुःखं हर हर, दारिद्र्यं विद्रावय विद्रावय,
देहं पोषय पोषय, चित्तं तोषय तोषय,
सर्वमन्त्रस्वरूपाय, सर्वयन्त्रस्वरूपाय,
सर्वतन्त्रस्वरूपाय, सर्वपल्लवस्वरूपाय,
ॐ नमो महासिद्धाय स्वाहा ।।
श्री दत्त मालामंत्र श्रीदत्तमाला मंत्र
दत्तात्रेय मंत्र | Dattatreya Mantra
ॐ द्रां दत्तात्रेयाय नम:
दत्तात्रेय स्तोत्र | Dattatreya Stotra
यहां जानें श्री दत्तात्रेय स्तोत्र-
जटाधरं पाण्डुराङ्गं शूलहस्तं कृपानिधिम्।
सर्वरोगहरं देवं दत्तात्रेयमहं भजे॥
अस्य श्रीदत्तात्रेयस्तोत्रमन्त्रस्य भगवान् नारदऋषिः।
अनुष्टुप् छन्दः। श्रीदत्तपरमात्मा देवता।
श्रीदत्तप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः॥
जगदुत्पत्तिकर्त्रे च स्थितिसंहार हेतवे।
भवपाशविमुक्ताय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते।।
दत्तात्रेय गायत्री मंत्र | Dattatreya Gayatri Mantra
'ॐ दिगंबराय विद्महे योगीश्रारय् धीमही तन्नो दत: प्रचोदयात'
दत्तात्रेय बीज मंत्र | Dattatreya Beej Mantra
बीज मंत्र -ॐ द्रां।
दत्तात्रेय आसन सुरक्षा मंत्र | Dattatreya Asan Suraksha Mantra
"दत्तात्रेय आसन सुरक्षा मंत्र"
आसन ब्रह्मा, आसन विष्णु, आसन इन्द्र, आसन बैठे गुरु गोविन्द ।
आसन बैठो, धरो ध्यान, स्वामी कथनो ब्रह्म-ज्ञान ।
अजर आसन, वज्र किवाड़, वज्र वज़ड़े दशम द्वार ।
जो घाले वज्र घाव, उलट वज्र वाहि को खाव ।
हृदय मेरे हर बसे, जिसमें देव अनन्त ।
चौकी हनुमन्त वीर की ।
हनुमन्त वीर, पाँव जञ्जीर ।
लोहे की कोठी, वज्र का ताला ।
हमारे घट-पिण्ड का गुरु देवदत्त आप रखवाला ।
पाय कोस अगुम कीले, पाय कोस पश्चिम कीले ।
पाय कोस उत्तर कीलूँ, पाय कोस दक्षिण कीलूँ ।
तिल कीलूँ, तिल-बाड़ी कीलूँ ।
अस्सी कोस की सारी विद्या कीलूँ ।
नाचे भूत, तड़तड़ावे मसान ।
मेरा कील या करे उत्कील, वाको मारे हनुमन्त वीर ।
मेरा कील या करे उत्कील, ढाई पिण्ड भीतर मरे ।
मेरा दिया बाँध टूटे, हनुमान की हाँक टूटे ।
रामचन्द्र का धनुष टूटे ।
सीता का सत टूटे ।
लक्ष्मण की कार छूटे ।
गंगा का नीर फूटे ।
ब्रह्मा का वाक टूटे ।
गऊ, गायत्री, ईश्वर-रक्षक ।
या पै ना मूल लगावे, ना लार ।
रक्षा करे गुरु दातार ।। १
खिन्न दाहिने, खिन्न बाएँ ।
खिन्न आगे, खिन्न पीछे होवे गुरु गोसाईं सिमरते ।
काया भंग ना होवे ।। २
काल ना ढूके, बाघ ना खावे ।। ३
अनुक नाम सिर पर ना घाले घाव ।। ४
हमारे सिर पर अलख गुरु का पाँव ।। ५
रुखा बरखा, बीन हमारी, माल हमारा कूड़ा ।
जात हमारी सबसे ऊँची, शब्द गुरु का पूरा ।। ६
चारों खानी, चार वाणी, चन्द्र-सूरज-पवन पाणी ।
धूनी ले आया बाल गोपाल । सब सन्तन मिल चेतावनी ।
बारह जागे, गढ़े निशान ।
हमारे सिर पर काल-जाल, जम-दूत का लगे ना दाँव ।। ७
वज्र-कासौटी बाहर-भीतर, वन में वासा अचिन्त साँप, गौहरा आवे न पास ।। ८
सख्त धरती, मुक्त आकाश ।
घट-पिण्ड-प्राण, गुरुजी के पास ।। ९
रात रखे चन्द्रमा, दिन रखे सूरज, सदा रखे धरतरी ।
काल-कण्टक सब दूर रखे ।। १०
उगम पश्चिम कीलूँ, उगमी उत्तर-दक्षिण कीलूँ, अमुक नाम चले गोदावरी ।
लख अवधूत साथ ।
बाँधूँ चोर, सर्प और नाहर के सारे डार ।
रक्षा करें गुरु दातार ।। ११
जो जाने आसन-गायत्री का भेद ।
आपे कर्त्ता, आपे देव ।। १२
इतना आसन-गायत्री-जाप सम्पूर्ण भया ।। १३
सर्व-सिद्धों में दत्तात्रेय जी कहा – अलख, अलख, अलख ।। १४
दत्तात्रेय महामंत्र | Dattatreya Maha Mantra
दत्तात्रेय का महामंत्र- 'दिगंबरा-दिगंबरा श्रीपाद वल्लभ दिगंबरा'
महागुरु दत्तात्रेय के महाशक्तिशाली मंत्र जो आपके हर कष्ट को हर लेगा :
1.'श्री दिगंबरा दिगंबरा श्रीपाद वल्लभ दिगंबरा'।
2.'श्री गुरुदेव दत्त'।
3.तांत्रोक्त मंत्र
'ॐ द्रां दत्तात्रेयाय नम:'
4. इसके अलावा निम्न मंत्र का जाप मानसिक रूप से करना चाहिए
ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ ।
10 माला का जाप करने भर से आपके कई कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी।
6.'ॐ द्रां दत्तात्रेयाय स्वाहा।'
भगवान दत्तात्रेय के ये मंत्र जीवन में आप कभी भी किसी भी मुसीबत में हो आपको जपना चाहिए।
7.दक्षिणामूर्ति बीजम च रामा बीकेन संयुक्तम्।
द्रम इत्यक्षक्षाराम गनम बिंदूनाथाकलातमकम दत्तास्यादि मंत्रस्य दत्रेया स्यादिमाश्रवह तत्रैस्तृप्य सम्यक्त्वंबिन्दुनाद कलात्मिका येतत बीजम्मयापा रोक्तम्ब्रह्म-विष्णु- शिव नामकाम।