शांति मंत्र | Shanti Mantra
- ओम शांति | Om Shanti Mantra
शांति पाठ, शांति के लिए की जाने वाली हिंदू प्रार्थना है, आमतौर पर धार्मिक पूजाओं, अनुष्ठानों और प्रवचनों के अंत में यजुर्वेद के इस शांति मंत्र का प्रयोग किया जाता है।
ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति:,
पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति: ।
वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:,
सर्वँ शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि ॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:
मंत्र शान्ति: कीजिये, प्रभु त्रिभुवन में, जल में, थल में और गगन में,
अन्तरिक्ष में, अग्नि पवन में, औषधि, वनस्पति, वन, उपवन में,
सकल विश्व में अवचेतन में!
शान्ति राष्ट्र-निर्माण सृजन, नगर, ग्राम और भवन में
जीवमात्र के तन, मन और जगत के हो कण कण में, - वैदिक शांति पाठ मंत्र
वैदिक शांति पाठ मंत्र – shanti path mantra
असतोमा सद्गमय।
तमसोमा ज्योतिर्गमया।
मृत्योर्मामृतं गमय।
शांति पाठ मंत्र
लोकाः समस्ताः सुखिनो भवन्तु।
कल्याणे नास्ति परिपूर्णताय। - आत्मा शांति मंत्र
शिव मंत्र का करें जाप
कुछ ऐसे मंत्र होते हैं जो आपके मन को शांति प्रदान करने के साथ-साथ आपको स्वस्थ भी रखते हैं. साथ ही आपका मनोबल भी बढ़ाते हैं. उन्हीं में से एक है शिव मंत्र ”ऊँ नमः शिवाय”. यह मंत्र भगवान शिव का बहुत ही सरल व प्रभावी मंत्र है. इसे रुद्राक्ष की माला से जपने से भगवान शिव बहुत अधिक प्रसन्न होते हैं. रुद्राक्ष की माला लेकर 108 बार इस मंत्र का जाप करें. आप सुबह या शाम कभी भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं. भगवान शिव का ध्यान करने से आपको न सिर्फ शांति मिलती है बल्कि सारे कष्ट भी दूर हो जाते हैं. मन को शांत करने के लिए आप भगवान शिव का नाम लें उनके मंत्र का जाप करें. तनाव से निपटने के लिए यह एक कारगर तरीका माना जाता है.
गायत्री मंत्र का करें जाप
चारों वेदों में गायत्री मंत्र का उल्लेख किया गया है. मेडिटेशन करने वाले ज्यादातर इस मंत्र का जाप करते हैं. ‘ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्- इस मंत्र के ऋषि विश्वामित्र हैं और देवता सविता हैं. माना जाता है कि इस मंत्र में इतनी शक्ति है कि नियमित तीन बार इसका जाप करने वाले व्यक्ति के आसपास नकारात्मक शक्तियां और ऊपरी बाधाएं नहीं फटकती हैं. गायत्री मंत्र का जप सूर्योदय से दो घंटे पूर्व से लेकर सूर्यास्त से एक घंटे बाद तक किया जा सकता है. मौन मानसिक जाप कभी भी कर सकते हैं लेकिन रात्रि में इस मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए.
भगवान विष्णु का आमोघ मंत्र
मन को शांत करने और तनाव को दूर करने के लिए आप भगवान विष्णु के ”ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप कर सकते हैं. यह द्वादश अक्षर मंत्र भगवान विष्णु का अमोघ मंत्र है. मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. कहते हैं कि इस मंत्र का जाप करने से पित्र दोष से भी राहत मिलती है. इस मंत्र का जाप सूर्यास्त से पहले करने पर लाभ मिलता है. धर्मशास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु जगत के पालनहार हैं. भगवान विष्णु का स्वरूप शांत और आंनदमयी है. इसलिए मन को शांत करने के लिए इस मंत्र का जाप जरूर करें.
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गणेश गायत्री मंत्र का जाप
मन की शांति के लिए रोजाना 108 बार ”ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात” का जाप करें. भगवान गणेश के भक्त इस मंत्र का जाप हर बुधवार को कर सकते हैं, लेकिन मन की शांति के लिए आप इस मंत्र का जाप सुबह या शाम में किसी भी समय कर सकते हैं. मान्यता है कि 11 दिन तक शांत मन से इस मंत्र का जाप करने से भगवान गणेश सभी मनोकामना पूरी करते हैं. वहीं तनाव से छुटकारा पाने के लिए भी इस मंत्र का जाप किया जा सकता है. - सुख-शांति मंत्र
1. ॐ सूर्य देवाय नमः
सुबह जल्दी उठकर नहाने के पश्चात एक लोटा में लाल फूल, सिंदूर और थोड़ा सा गुड़ डालकर सूर्यदेव को जल चढ़ाएं, और साथ में “ॐ सूर्य देवाय नमः” का 11 बार जप करें.
इस मंत्र के फायदे
सूर्य देव को सुख-समृद्धि का देवता माना जाता है इसलिए ऐसा प्रतिदिन करने से जीवन कि सभी परेशानियां खत्म हो जाती हैं और घर में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है.
2.यानि कानि च पापानि जन्मांतर कृतानि च।
तानि सवार्णि नश्यन्तु प्रदक्षिणे पदे-पदे।
इस मंत्र का जप रोज़ाना पूर्व दिशा कि ओर मुख करके 7 दिनों तक लगातार 3 बार करें.
इस मंत्र के फायदे
इस मंत्र को करने से घर में शांति का माहौल बना रहता है और हमारे द्वारा किए गए जाने-अनजाने में पाप या फिर जितने भी पाप हमने अपने पूर्वजन्म में भी किए हैं इस मंत्र का जाप करने से पापों से मुक्ति मिलती है.
3- ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः।
स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।
स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः।
स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
यह मंत्र किसी भी पूजा के प्रारंभ में किया जाता है.स्वस्ति वाचन के पश्चात सभी दसों दिशाओं में अभिमंत्रित जल या पूजा में प्रयुक्त जल की छीटें लगाएं.
इस मंत्र के फायदे
इस मंत्र का भी जाप रोज़ाना करने से घर में कलेश आदि का वातावरण दूर होता है और सुख-शांति का अनुभव प्राप्त होता है.इससे व्यापार में अधिक आर्थिक लाभ मिलता है व हानि होने की संभावना कम होती है.
4. कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।
प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:॥
यह मंत्र एक तरह का कलेशनाशक मंत्र है. इस मंत्र का प्रतिदिन जाप करना चाहिए.स्नान पश्चात कुश के आसन पर बैठकर सुबह और शाम संध्या वंदन के समय इस मंत्र का 108 बार जाप करें.
इस मंत्र के फायदे
इस मंत्र को करने से परिवार हर तरह के दुख, परेशानियों और कलेश आदि से मुक्त रहेगा और घर में सुख-शांति का माहौल बना रहेगा.आकस्मिक संकट के समय श्रद्धा और विश्वास के साथ उक्त मंत्र का जाप करने से संकट से मुक्ति मिलती है.
5. ॐ नम: शिवाय
इस मंत्र का उच्चारण शिवलिंग पर जल व बिल्वपत्र चढ़ाते हुए करें. इसके साथ ही आप रुद्राक्ष की माला से भी जाप कर सकतें है.
इस मंत्र के फायदे
यह मंत्र बेहद शक्तिशाली मंत्र होता है. इस मंत्र का निरंतर जाप करते रहने से चिंतामुक्त जीवन प्राप्त होता हैं और साथ ही साथ आंतरिक शांति भी प्रदान होती है.
6. श्री राम, जय राम, जय जय राम
हर कोई राम नाम का नाम अपनी रोजमर्रा कि ज़िन्दगी में रोज़ाना ही करते हैं. शुचि-अशुचि अवस्था में इसका जाप किया जा सकता है.
इस मंत्र के फायदे
राम के नाम से मन में शांति का वास होता है तथा हर प्रकार कि चिंता से मुक्ति मिलती है. साथ ही मन में आ रहें सभी प्रकार के नकारात्मक विचारों से छुटकारा भी प्राप्त होता है.
7. ॐ हं हनुमते नम:
अगर मन में किसी भी प्रकार की घबराहट, डर, चिंता औरकिसी भी कार्य की सफलता प्राप्त करने के लिए लगातार प्रतिदिन इस मंत्र का जाप करें. शनिवार के दिन लाल चंदन की माला से 551 बार करने से सभी तरह की बाधाओं से मुक्ति मिलने लगती है.
इस मंत्र के फायदे
इस मंत्र का नित्य जाप करने से सभी प्रकार के दुख और कलेश का नाश होता है. घर में सुख शांति का माहौल बना रहता है. अच्छे उद्देश्य से किये जाने वाले किसी भी कार्य की सिद्धि के लिए इस मन्त्र का जाप फलदायी होता है.