Chitragupta Puja Mantra | चित्रगुप्त पूजा मंत्र

 Chitragupta Puja Mantra in Sanskrit | चित्रगुप्त पूजा मंत्र

  Chitragupta Puja Mantra

  आज कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि को भाई दूज के साथ चित्रगुप्त पूजा भी की जाती है. कायस्थ समाज के लिए चित्रगुप्त पूजा एक विशेष अवसर है. इस दिन चित्रगुप्त महाराज के साथ नए खाताबही, कलम, दवात का पूजन करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चित्रगुप्त महाराज ब्रह्म देव की काया यानि शरीर से उत्पन्न हुए थे, इसलिए उनको कायस्थ कहा जाता है. ब्रह्म देव ने उनको सभी जीवों के कर्मों का लेखा जोखा रखने का उत्तरदायित्व दिया है. चित्रगुप्त पूजा के अवसर पर उनकी आराधना करने से बुद्धि, विद्या और लेखन में महारत हासिल होती है. पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ गणेश मिश्र से जानते हैं चित्रगुप्त पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि.भगवान चित्रगुप्त हिन्दू धर्म में एक अहिंसात्मक देवता है जो यमराज के द्वारपाल (यमराज के सचिव) के रूप में जाने जाते हैं। उन्हें लोग अन्तर्लोक में लिखने वाले और व्यक्तियों के कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाले देवता मानते हैं।

चित्रगुप्त का विशेष रूप स्वर्ग और नरक के यातायात को नियंत्रित करने में जुटा होता है, और उन्हें यमदूतों के रूप में भी पुकारा जाता है। विशेषकर, उन्हें श्राद्ध के दिनों में पितृ तर्पण का अधिपति माना जाता है, जब पितृ देवता श्राद्ध के रूप में पूजे जाते हैं।


  चित्रगुप्त प्रार्थना मंत्र


मसिभाजनसंयुक्तं ध्यायेत्तं च महाबलम्।
लेखिनीपट्टिकाहस्तं चित्रगुप्तं नमाम्यहम्।।

 
चित्रगुप्त पूजा मंत्र

ॐ श्री चित्रगुप्ताय नमः

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