धन्वंतरि मंत्र | Dhanvantari Mantra

धन्वंतरि मंत्र लाभ | Dhanvantari Mantra Lyrics

 

  Dhanvantri mantra miracles | धन्वंतरि मंत्र लाभ

धन्वंतरि मंत्र का जाप किया जाता है जो आयुर्वेदिक चिकित्सा के प्रभु धन्वंतरि भगवान को समर्पित है। धन्वंतरि भगवान हिन्दू धर्म में औषधियों और चिकित्सा के देवता के रूप में माने जाते हैं। इस मंत्र का जाप करने के कुछ फायदे निम्नलिखित हो सकते हैं:

1. आरोग्य सुरक्षा:धन्वंतरि मंत्र का जाप करने से आरोग्य की रक्षा हो सकती है। भक्तियों के अनुसार, इस मंत्र का नियमित जाप करने से रोगों से मुक्ति मिल सकती है और सामान्य स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।

2.चिकित्सा में सहारा:धन्वंतरि मंत्र का जाप चिकित्सा के क्षेत्र में कारगर हो सकता है। यह भगवान की कृपा को आमंत्रित करके चिकित्सकों को साहसित कर सकता है और उन्हें अधिक उपचारी बना सकता है।

3. आत्मा की शान्ति:मंत्र जाप का अभ्यास करने से मानव आत्मा को शांति और सुकून की प्राप्ति हो सकती है।

4. साधना में सहारा:इस मंत्र का जाप आध्यात्मिक साधना में सहारा प्रदान कर सकता है। यह भक्ति और आध्यात्मिक उन्नति की प्रक्रिया को समर्थन कर सकता है।

धन्वंतरि मंत्र का जाप करने से पहले, यह सुनिश्चित करें कि आप इसे सही तरीके से और श्रद्धा भाव से कर रहे हैं। आपकी नियति प्राकृतिक होनी चाहिए और आपको इसमें विश्वास होना चाहिए

धनवंतरी मंत्र कौन सा है?

धन्वंतरि मंत्र इन संस्कृत | Dhanvantari Mantra in Sanskrit


1.भगवान धन्वंतरि सरल मंत्र


ॐ धन्वंतराये नमः॥

 
2. आरोग्य प्राप्ति मंत्र | Arogya Prapti Mantra for good health

आरोग्य प्राप्ति करने के लिए

ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:
अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय

त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप
श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥


अर्थात् परम भगवन को, जिन्हें सुदर्शन वासुदेव धन्वंतरि कहते हैं, जो अमृत कलश लिए हैं, सर्व भयनाशक हैं, सर्व रोग नाश करते हैं, तीनों लोकों के स्वामी हैं और उनका निर्वाह करने वाले हैं; उन विष्णु स्वरूप धन्वंतरि को सादर नमन है।

 3.धन्वंतरि मंत्र साधना  के लिए | Dhanvantari Dhyan Mantra

“ॐ धन्वंतरये नमः”॥

 ॐ नमो भगवते धन्वन्तरये अमृत कलश हस्ताय सर्व आमय
विनाशनाय त्रिलोक नाथाय श्री महाविष्णुवे नम:

4. सर्व रोग नाशक धन्वंतरि मंत्र | Sarv Dhanvantari Rog Nashak Mantra


(“ऊँ रं रूद्र रोगनाशाय धन्वन्तर्ये फट्।।” )
  
हाथ में अक्षत लेकर कम से काम दो माला का जाप करें

5.धन्वंतरी गायत्री मंत्र | Dhanvantari Gayatri Mantra


(ॐ वासुदेवाय विघ्माहे वैधयाराजाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||
ॐ तत्पुरुषाय विद्‍महे अमृता कलसा हस्थाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||) 


भगवान धन्वंतरि की प्रार्थना कैसे करें?

भगवान धन्वंतरि की प्रार्थना आप निम्नलिखित रूपों में कर सकते हैं:

1. मंत्रों का जाप:आप धन्वंतरि मंत्रों का जाप कर सकते हैं, जैसे कि "ॐ धन्वंतरये नमः" या "ॐ नमो भगवते महा-सुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतरायेॐ नमः"। इसे नियमित रूप से जाप करने से आप भगवान धन्वंतरि की कृपा को प्राप्त कर सकते हैं।

2. ध्यान और समर्पण:भगवान धन्वंतरि की पूजा में आप ध्यान और समर्पण के साथ बैठकर उनका स्मरण कर सकते हैं। आप उनकी मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर मन्त्रों का जाप करते हुए उन्हें अपनी पूजा कर सकते हैं।

3. पूजा और अर्चना:धन्वंतरि भगवान की पूजा में तिलक, दीप, धूप, फूल, फल, और पुष्पांजलि के साथ आराधना की जा सकती है। आप उनके लिए स्पष्ट मनाचा से या आपकी आराधना के तरीके के अनुसार विभिन्न सामग्रियों का उपयोग कर सकते हैं।

4. व्रत और उपवास:कुछ भक्त भगवान धन्वंतरि की पूजा के दिन व्रत रखते हैं और उपवास करते हैं। इससे उन्हें अधिक सात्विक बनाए रखने में मदद हो सकती है और उनकी पूजा में ध्यान लगाने में मदद हो सकती है।

धन्वंतरि भगवान की पूजा में महत्त्वपूर्ण है कि आप इसे श्रद्धा भाव से करें और आपका मन पूरी तरह से समर्पित हो।

धन्वंतरी मंत्र का जाप कितनी बार करना है?

धन्वंतरि मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए, यह व्यक्ति की श्रद्धा, साधना और साधक की स्थिति पर निर्भर करता है। यह सामान्यत: निर्धारित नहीं है कि कितनी बार मंत्र का जाप किया जाए। हर व्यक्ति अपनी आत्मिक आवश्यकताओं और शक्तियों के अनुसार इसे निर्धारित करेगा।

कुछ लोग धन्वंतरि मंत्र का स्वयं परिभाषित संख्या में जाप करते हैं, जैसे १०८ बार या २१६ बार, जो आध्यात्मिक प्राकृतिकी और व्यक्तिगत आवश्यकताओं पर निर्भर करता है।

अगर आप नये हैं और मंत्र जाप में अनुभवी नहीं हैं, तो आप पहले धीरे-धीरे शुरू कर सकते हैं और समय-समय पर जाप की संख्या को बढ़ा सकते हैं।

महत्वपूर्ण है कि आप मंत्र जाप को मेधावी भाव से करें और श्रद्धा रखें। आप योग और ध्यान की प्रैक्टिस के द्वारा भी अपनी मानसिक और आध्यात्मिक स्थिति में सुधार कर सकते हैं जो मंत्र जाप को अधिक प्रभावी बना सकता है।


Dhanvantari Mantra lyrics in English

Dhanvantari Dhyan Mantra

śaṅkhaṁ cakraṁ jalaukāṁ dadhadamr̥taghaṭaṁ cārudōrbhiścaturbhiḥ |
sūkṣmasvacchātihr̥dyāṁśuka parivilasanmaulimambhōjanētram |
dalālambhōdōjjvalāṅgaṁ kaṭitaṭavilasaccārupītāmbarāḍhyam |
vande dhanvantariṁ taṁ nikhilagadavanaprauḍhadāvāgnilīlam ||

acyutānanta gōvinda viṣṇō nārāyaṇā:’mr̥ta
rōgānmē nāśayā:’śēṣānāśu dhanvantarē hare |
ārōgyaṁ dīrghamāyuṣyaṁ balaṁ tējō dhiyaṁ śriyaṁ
svabhaktēbhyō:’nugr̥hṇantaṁ vandē dhanvantariṁ harim ||

dhanvantarērimaṁ ślōkaṁ bhaktyā nityaṁ paṭhanti yē |
anārōgyaṁ na tēṣāṁ syāt sukhaṁ jīvanti tē ciram ||

Dhanvantari mantra


ōṁ namō bhagavatē vāsudēvāya dhanvantarayē amr̥takalaśahastāya [vajrajalaukahastāya] sarvāmayavināśanāya trailōkyanāthāya śrīmahāviṣṇavē svāhā |

in the procession

ōṁ vāsudēvāya vidmahē sudhāhastāya dhīmahi tannō dhanvantariḥ pracōdayāt |

to the tarakamantram

ōṁ dhaṁ dhanvantarayē namaḥ |

pāṭhāntaraṁ

ōṁ namō bhagavatē mahāsudarśanāya vāsudēvāya dhanvantarayē amr̥takalaśahastāya sarvabhayavināśāya sarvarōganivāraṇāya trailōkyapatayē trailōkyanidhayē śrīmahāviṣṇusvarūpa śrī śrī śrī auṣadhacakra nārāyaṇāya svāhā |

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