संतान प्राप्ति के उपाय
संतान प्राप्ति के उपाय | Santan Prapti Ke Upay
1.मदार की जड़ बांधें
मदार की जड़ का चयन:
शुक्रवार को मदार की जड़ का चयन करें। यह सावधानीपूर्वक और सुरक्षित रूप से किया जाना चाहिए।
पाठ और पूजा:
मदार की जड़ को लेकर स्त्री को नियमित रूप से पाठ और पूजा करनी चाहिए। इसके लिए गोपाल सहस्त्रनाम का पाठ किया जा सकता है।
व्रत और उपाय:
मदार की जड़ को बांधने के बाद स्त्री को शुक्रवार के दिन नियमित रूप से व्रत करना चाहिए। इसके साथ ही शीघ्र संतान सुख की प्राप्ति के लिए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार उपायों का भी अनुसरण करें।
2.पीपल पर जल अर्पित करें
पीपल के वृक्ष को हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्व दिया जाता है, और इसे सभी पूजा और उपासना में शामिल किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र में भी पीपल के वृक्ष का महत्व बताया गया है, और संतान सुख के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है। यहां कुछ सामान्य निर्देश दिए जा रहे हैं:
पीपल की जड़ में जल अर्पित करना:
रोजाना पीपल के वृक्ष की जड़ में जल अर्पित करने से संतान सुख की प्राप्ति के लिए शुभ प्रभाव हो सकता है। आप एक चमच जल पीपल की जड़ में अर्पित कर सकते हैं और इसके बाद मन से संतान सुख की कामना करें।
मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना:
जब आप पीपल के वृक्ष की जड़ में जल अर्पित करते हैं, तो हाथ जोड़कर अपनी मनोकामना का संकल्प करें और संतान सुख की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।
आचामन:
जल अर्पित करने के बाद व्यक्ति को पीपल के नीचे बैठकर आचामन करना चाहिए।
नियमितता:
इस उपाय को नियमित रूप से करना चाहिए, एकाधिकारी और व्रत के दिनों में भी यह उपाय बढ़ा सकता है।
ध्यान:
जल अर्पित करते समय ध्यान में रहना चाहिए और विशेष रूप से संतान सुख की कामना करनी चाहिए।
3.गाय और बछड़े की सेवा करें
ज्योतिष शास्त्र में गाय को सभी प्राणियों की माता माना जाता है और इसके साथ संबंधित उपायों को कई लोग अपनाते हैं। यह एक धार्मिक दृष्टि से किया जाने वाला उपाय है, और इसे निर्धारित नियमों और सावधानियों के साथ करना चाहिए। यहां कुछ आम निर्देश दिए जा रहे हैं:
गाय के साथ सेवा करना:
गाय के साथ सेवा करना अर्थात उसकी सफाई करना, उसके लिए खाना बनाना और उसकी देखभाल करना शुभ माना जाता है। यह सेवा आपको पौराणिक और धार्मिक उपायों के अनुसार करनी चाहिए।
भोजन का आधा हिस्सा गाय को देना:
आपको गाय को अपने भोजन का आधा हिस्सा देना चाहिए। इससे गाय की सेवा करने के साथ-साथ दान भी होता है, जो धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है।
प्रार्थना करना:
भोजन के समय गाय को आपका प्रार्थना करना चाहिए। आप उससे संतान सुख की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद मांग सकते हैं।
4.गुरुवार का व्रत करें
ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह को संतान सुख, शिक्षा, धर्म, भाग्य, विद्या, विवाह, विदेश यात्रा, और आध्यात्मिक ग्रोथ का कारक माना जाता है। गुरुवार को गुरु ग्रह की शक्ति को बढ़ावा देने के लिए कई लोग गुरुवार का व्रत करते हैं और गुड़ आदि का दान करते हैं। इसके लिए निम्नलिखित उपायों का अनुसरण किया जा सकता है:
गुरुवार का व्रत:
गुरुवार को गुरु ग्रह की पूजा और व्रत करने से संतान सुख में सुधार हो सकता है। इस दिन व्रत रखने के लिए व्यक्ति को भगवान बृहस्पति की पूजा करनी चाहिए और उन्हें यात्रा का आदान-प्रदान करना चाहिए।
पीले वस्त्र का धारण:
गुरुवार को पति-पत्नी दोनों को पीले रंग के वस्त्र पहनना चाहिए, क्योंकि पीला रंग गुरु ग्रह को संबोधित करता है और इसे बढ़ावा मिलता है।
गुड़ और योग्य दान:
गुरुवार को गुड़ और योग्य आहार का दान करना चाहिए। गुड़ को बृहस्पति को समर्पित माना जाता है और इसे दान करने से योग्य फल प्राप्त हो सकता है।
गुरु मंत्र का जाप:
गुरुवार को गुरु मंत्र का जाप करना चाहिए। "ॐ बृं बृहस्पतये नमः" यह मंत्र गुरु को समर्पित है और इसका जाप संतान सुख में सहायक हो सकता है।
5.चावल के उपाय
- चावलों की धोबन में नींबू की जड़ को बारीक पीसकर स्त्री को पिलाने के बाद अगर एक घंटे के भीतर स्त्री के साथ उसके पति द्वारा सहवास-क्रिया की जाए तो वो स्त्री निश्चित रूप से बच्चे को ही जन्म देती है. ये उपाय तब करना चाहिए जब बच्चे की चाहना बहुत अधिक हो.
बरगद के पत्ते का उपाय
बरगद के पत्ते पर कुमकुम द्वारा स्वास्तिक का निर्माण करके उस पर चावल एवं एक सुपारी रखकर किसी देवी मंदिर में चढ़ा दें. इससे भी संतान सुख की प्राप्ति यथाशीघ्र (bargad patta upay) होती है.
- -सफेद आकड़े की जड़ ले आएं
- -शंकर भगवान के शिवलिंग से 21 बार घूमा लें
- -पीरिड्स खत्म होने पर इस जड़ को लाल धागे में बांध ले
- -जड़ बंधे लाल धागे को अपनी कमर में बांध लें
- -भगवान शिव का रोज सुबह ध्यान करें
- -अगले 3-4 महीने में ठहर जाएगा गर्भ
- -भगवान शिव के आशीर्वाद से मिलेगी खुशखबरी
- -प्रतिदिन भोजन में से कुछ अंश गाय आदि जानवरों को दें।
- -ऋद्धि-सिद्धि दाता श्री गणेश जी की आराधना-उपासना करें।
- -संतान उत्पन्न होने में यदि शनि अशुभ प्रभाव दे रहा है तो शनि की वस्तुएं भतीजे/भतीजी के हाथों से दान करवाएं।
- किसी कुतिया के यदि एक ही पिल्ला उत्पन्न हुआ हो तो उसे स्वयं के घर में पालने से भी संतान जीवित रहने लगती है।
- -दिन में तंदूर की मीठी रोटियां बनाकर आवारा कुत्तों को खिलाएं।