गायत्री मंत्र | All Gayatri Mantra

 गायत्री मंत्र | All Gayatri Mantra


 24 Gayatri Mantra

 

 

  1. देवी गायत्री मंत्र | Devi Gayatri Mantra-

    ॐ भूर्भुवः स्वः
    तत्सवितुर्वरेण्यं
    भर्गो देवस्य धीमहि
    धियो यो नः प्रचोदयात्॥


    गायत्री मंत्र का अर्थ
    | Meaning Gayatri Mantra-


        ॐ भूर्भुवः स्वः
    (ॐ भूर् भुवः स्वः): यह साकार ब्रह्म को सूर्य, पृथ्वी, और स्वर्ग के स्वरूप में स्थिति कराता है।

        तत्सवितुर्वरेण्यं (तत् सवितुः वरेण्यं): यह कहता है कि हम सूर्य देवता को सर्वश्रेष्ठ और श्रेष्ठ मानने के योग्य स्वीकार करते हैं।

        भर्गो देवस्य धीमहि (भर्गो देवस्य धीमहि): इसमें हम शुद्धता और उज्ज्वलता की देवी से आत्मा को योग्य बनाने की प्रार्थना करते हैं।

        धियो यो नः प्रचोदयात् (धीयो यो नः प्रचोदयात्): इसमें हम श्रद्धाभक्ति से सूर्य देवता से अपनी बुद्धि को प्रेरित करने की प्रार्थना करते हैं।

    गायत्री मंत्र का पाठ करने से शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक उन्नति होने का विश्वास किया जाता है। इसका नियमित जाप ध्यान को शान्ति और स्थिरता प्रदान करने में मदद कर सकता है। यह आत्मा को दिव्यता की दिशा में एकाग्र करने का भी साधना है।

  2.  रुद्र गायत्री मंत्र | Rudra Gayatri Mantra

    ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्र: प्रचोदयात् ।।

  3. रुद्र गायत्री मंत्र | Rudra Gayatri Mantra

    ॐ पञ्चवक्त्राय विद्महे, सहस्राक्षाय महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्र प्रचोदयात् ।।

  4. दक्षिणामूर्ती गायत्री मंत्र | Dakshina Gayatri Mantra

    ॐ दक्षिणामूर्तये विद्महे, ध्यानस्थाय धीमहि, तन्नो धीश: प्रचोदयात् ।।

  5. हयग्रीव गायत्री मंत्र | Haygriv Gayatri Mantra

    ॐ वागीश्वराय विद्महे, हयग्रीवाय धीमहि, तन्नो हंस: प्रचोदयात् ।।

  6. दुर्गा गायत्री मंत्र | Durga Gayatri Mantra

    ॐ कात्यायन्यै विद्महे, कन्याकुमार्ये च धीमहि, तन्नो दुर्गा प्रचोदयात् ।।

  7. दुर्गा गायत्री मंत्र | Durga Gayatri Mantra

    - ॐ महाशूलिन्यै विद्महे, महादुर्गायै धीमहि, तन्नो भगवती प्रचोदयात् ।।

  8.  दुर्गा गायत्री मंत्र | Durga Gayatri Mantra

    ॐ गिरिजाय च विद्महे, शिवप्रियाय च धीमहि, तन्नो दुर्गा प्रचोदयात्

  9. सरस्वती गायत्री मंत्र| Saraswati Gayatri Mantra

    ॐ वाग्देव्यै च विद्महे, कामराजाय धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात् ।।

  10. लक्ष्मी गायत्री मंत्र | Laxmi Gayatri Mantra

    ॐ महादेव्यै च विद्महे, विष्णुपत्न्यै च धीमहि, तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ।।

  11. शक्ति गायत्री मंत्र:- | Shakti Gayatri Mantra

    ॐ सर्वसंमोहिन्यै विद्महे, विश्वजनन्यै धीमहि, तन्नो शक्ति प्रचोदयात् ।।

  12. अन्नपूर्णा गायत्री मंत्र:| Annapurna Gayatri Mantra

    ॐ भगवत्यै च विद्महे, महेश्वर्यै च धीमहि, तन्नोन्नपूर्णा प्रचोदयात् ।।

  13. काली गायत्री मंत्र:| Kali Gayatri Mantra

    ॐ कालिकायै च विद्महे, स्मशानवासिन्यै धीमहि, तन्नो घोरा प्रचोदयात् ।।

  14. गणेश गायत्री मंत्र:| Ganesh Gayatri Mantra

    ॐ एक्दंताये विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ।।

  15. ब्रह्मा गायत्री मंत्र:| Brahma Gayatri Mantra

    ॐ वेदात्मने विद्महे, हिरण्यगर्भाय धीमहि, तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात् ।।

  16. ब्रह्मा गायत्री मंत्र:| Brahma Gayatri Mantra

    ॐ चतुर्मुखाय विद्महे, कमण्डलु धाराय धीमहि, तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात् ।।

  17. ब्रह्मा गायत्री मंत्र:| Brahma Gayatri Mantra

    ॐ परमेश्वर्याय विद्महे, परतत्वाय धीमहि, तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात् ।।

  18. विष्णु गायत्री मंत्र:| Vishnu Gayatri Mantra

    ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णु प्रचोदयात् ।।

  19. नन्दिकेश्वरा गायत्री मंत्र:| Gayatri Mantra

    ॐ तत्पुरूषाय विद्महे, नन्दिकेश्वराय धीमहि, तन्नो वृषभ: प्रचोदयात् ।।

  20. गरुड़ गायत्री मन्त्र:| Garuda Gayatri Mantra

    ॐ तत्पुरूषाय विद्महे, सुवर्णपक्षाय धीमहि, तन्नो गरुड: प्रचोदयात् ।।

  21.  हनुमान गायत्री मंत्र:| Hanuman Gayatri Mantra

    ॐ आञ्जनेयाय विद्महे, वायुपुत्राय धीमहि, तन्नो हनुमान् प्रचोदयात् ।।

  22. हनुमान गायत्री मंत्र:-| Hanuman Gayatri Mantra

    ॐ वायुपुत्राय विद्महे, रामदूताय धीमहि, तन्नो हनुमत् प्रचोदयात् ।।

  23.  शण्मुख गायत्री मंत्र:- |  Gayatri Mantra

    ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महासेनाय धीमहि, तन्नो शण्मुख प्रचोदयात् ।।

  24.  ऐयप्पन गायत्री मंत्र:- | AiyaapanGayatri Mantra

    ॐ भूतादिपाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो शास्ता प्रचोदयात् ।।

    Gayatri Gayatri Mantra

  25.  सूर्य गायत्री |Surya Gayatri Mantra

    आदित्याय विद्महे मार्तण्डाय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ।।

  26. अन्नपूर्णा गायत्री | Annapurna Gayatri Mantra

    ओं भगवत्यै च विद्महे, महेश्वर्यै च धीमहि, तन्नो पूर्णा प्रचोदयात् ।।

  27. अग्नि गायत्री | Agni Gayatri Mantra

    ओं महा ज्वालाया विधमहे, अग्नि देवाय धीमहि, तन्नो अग्नि प्रचोदयात् ।। ओं विश्वनाराय विधमहे, लालीलाय धीमहि, तन्नो अग्नि प्रचोदयात् ।।

  28. गरुड़ गायत्री | Garuda Gayatri Mantra

    ओं तत्पुरुषाय विधमहे, सुवर्णा पक्षाया धीमहे, तन्नो गरूडा प्रचोदयात् ।।

  29.  कुबेर गायत्री | Kuber Gayatri Mantra

    ओं यक्षा राजाया विद्महे, वैशरावनाया धीमहि, तन्नो कुबेराह प्रचोदयात् ।

  30. कामदेव गायत्री | Kamdev Gayatri Mantra

    ओं कामदेवाया विद्महे, पुष्पा बनाया धीमहि, तन्नो अनंगहा प्रचोदयात् ।।

  31.  गायत्री ओं सर्वसंमोहिन्यै विद्महे, विश्वजनन्यै धीमहि, तन्नो शक्ति प्रचोदयात् ।।

  32.  नन्दिकेश्वरा गायत्री ओं तत्पुरूषाय विद्महे, नन्दिकेश्वराय धीमहि, तन्नो वृषभ: प्रचोदयात् ।।

  33. धनवन्त्री गायत्री मंत्र| Dhanvantari Gayatri Mantra

    ॐ अमुद हस्ताय विद्महे, आरोग्य अनुग्रहाय धीमहि, तन्नो धनवन्त्री प्रचोदयात् ।।

  34. कृष्ण गायत्री मंत्र| Krishna Gayatri Mantra

    ॐ देवकीनन्दनाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो कृष्ण प्रचोदयात् ।।

  35.  राधा गायत्री मंत्र:| Radha Gayatri Mantra

    ॐ वृषभानुजाय विद्महे, कृष्णप्रियाय धीमहि, तन्नो राधा प्रचोदयात् ।।

  36. राम गायत्री मंत्र| Ram Gayatri Mantra

    ॐ दशरताय विद्महे, सीता वल्लभाय धीमहि, तन्नो रामा: प्रचोदयात् ।।

  37.  सीता गायत्री मंत्र | Sita Gayatri Mantra

    ॐ जनकनन्दिंयै विद्महे, भूमिजयै धीमहि, तन्नो सीता प्रचोदयात् ।।

  38. तुलसी गायत्री मंत्र | Tulsi Gayatri Mantra

    ॐ तुलसीदेव्यै च विद्महे, विष्णुप्रियायै च धीमहि, तन्नो वृन्दा प्रचोदयात्

  39.  धनवन्त्री गायत्री ओं अमुद हस्ताय विद्महे, आरोग्य अनुग्रहाय धीमहि, तन्नो धनवन्त्री प्रचोदयात् ।।

  40.  शिरडी साइ गायत्री ओं शिरडी वासाया विधमाहे, सच्चिदानन्द धीमहि, तन्नो साइ प्रचोदयात् ।।  
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