बड़ी दिवाली की कथा 2023 | Badi Diwali Ki Katha

  बड़ी दिवाली की कथा 2023 | Badi Diwali Ki Katha

 


किसी नगर में एक साहूकार रहता था। उसकी एक बेटी थी। वह रोजाना घर के सामने लगे पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाती थी। उस पीपल में लक्ष्मीजी का वास था। एक दिन उसी पीपल के पेड़ से लक्ष्मीजी प्रकट हो गई और साहूकार की बेटी से बोलीं, 'मैं तुझसे बहुत प्रसन्न हूं। इसलिए तुझे सहेली बनाना चाहती हूं।' साहूकार की बेटी बोली, 'क्षमा कीजिए, मैं अपने माता-पिता से पूछकर ही बताऊंगी।' उसने घर आकर अपने माता-पिता से सारी बातें कहीं और उनकी आज्ञा से लक्ष्मी जी का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। इस तरह वे दोनों सहेलियां बन गई। लक्ष्मीजी उससे बहुत प्रेम करती थीं।


एक दिन लक्ष्मीजी ने उसे भोजन के लिए बुलावा दिया। जब साहूकार की बेटी भोजन करने के लिए पहुंची तो लक्ष्मी जी ने उसे सोने-चांदी के बर्तनों में खाना खिलाया। सोने की चौकी पर बिठाया और उसे बहुत कीमती रेशमी कपड़े ओढ़ने-पहनने के लिए दिए। इसके बाद लक्ष्मी जी ने कहा कि कुछ दिन बाद मैं तुम्हारे यहां आऊंगी। साहूकार की बेटी ने 'हां' कर दी और घर चली आई। उसने जब सारी बातें माता-पिता को बताई तो वे बहुत खुश हुए। लेकिन बेटी कुछ सोचकर उदास होकर बैठ गई। जब साहूकार ने इसका कारण पूछा तो उसकी बेटी बोली, 'लक्ष्मीजी का वैभव बहुत बड़ा है। मैं उन्हें कैसे संतुष्ट कर सकूंगी?'


यह सुनकर पिता ने कहा कि घर की जमीन को अच्छी तरह लीपना और अपनी पूरी श्रद्धा से रूखा-सूखा जैसा भी भोजन बने, उसे बहुत प्रेम से लक्ष्मीजी को खिला देना। पिता बात पूरी ही करने वाले थे कि एक चील कहीं से उड़ती हुई आई और बेशकीमती नौलखा हार साहूकार के आंगन में गिराकर चली गई। यह देखकर साहूकार की बेटी खुश हो गई। उसने पिता की बात मानी और घर को सुंदर तरीके के सजाया। जमीन की सफाई-लिपाई की। चील ने जो हार उनके घर में गिराया था, उसे बेचकर लक्ष्मीजी के लिए अच्छे भोजन का इंतजाम किया। उन्होंने सोने की चौकी और रेशमी दुशाला खरीदा। जब लक्ष्मीजी घर आई तो साहूकार की बेटी ने उन्हें सोने की चौकी पर बैठने को कहा। इस पर लक्ष्मी जी ने कहा, 'इस पर तो राजा-रानी बैठते हैं।' इतना कहकर वह साफ जमीन पर ही आसन बिछाकर बैठ गई और बहुत प्रेम से भोजन किया। वह साहूकार के परिवार के आदर-सत्कार से बहुत खुश हुई और उनका घर सुख-संपत्ति से भर गई।


 दिवाली आरती  | Diwali Aarti

हे लक्ष्मी माता! जिस तरह आपने साहूकार के परिवार पर अपनी कृपा बरसाई, उसी तरह सबके घरों को सुख-संपत्ति से भर देना।

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता, मैय्या तुम ही जग माता।

सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता, मैय्या सुख संपत्ति पाता।
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता, मैय्या तुम ही शुभ दाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता, मैय्या सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥


तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता, मैय्या वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता, मैय्या क्षीरगदधि की जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता, मैय्या जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।
 

 

Lakshmi Mata Shlok |लक्ष्मी माता श्लोक


1. ॐ धनाय नम:

इस मंत्र का जाप करने से धन लाभ की प्राप्ति होती है। इसका शुक्रवार के दिन कमल गट्टे की माला के साथ करना चाहिए।

2. धनाय नमो नम:

देवी मां के इस मंत्र का रोजाना 11 बार जाप करना चाहिए। इससे व्यक्ति की धन संबंधित परेशानियां दूर होती हैं।

3. ओम लक्ष्मी नम:

इस मंत्र का अगर जाप किया जाए तो व्यक्ति के घर में लक्ष्मी का वास होता है। साथ ही घर में कभी अन्न और धन की कमी भी नहीं होती है। इस मंत्र का जाप कुशा के आसन पर ही करना चाहिए।

4. ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:

इस मंत्र का जाप किसी भी शुभ कार्य करने से पहले करें। अगर ऐसा किया जाए तो व्यक्ति का काम बन जाएगा।

5. लक्ष्मी नारायण नम:

इस मंत्र का जाप करने से दाम्पत्य जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इससे व्यक्ति की तरक्की भी होती है। साथ ही पति-पत्नी के बीच का संबंध भी अच्छा बना रहता है।

6. पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्।

मां लक्ष्मी के इस मंत्र का जाप 108 बार करें। इसका जाप स्फटिक की माला के साथ करें। इससे घर में हमेशा अन्न और धन बना रहता है।

7. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:

इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को सफलता प्राप्त होती है। मां लक्ष्मी की चांदी या अष्ट धातु की मूर्ति की पूजा करनी चाहिए।

8. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:

इस मंत्र का जाप 108 बार करने से व्यक्ति को लाभ मिलता है। शुक्रवार के दिन मां वैभव लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दौरान मंत्र का जाप कर सकते हैं।

9. ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:।

अगर आप कर्जे से मुक्ति पाना चाहते हैं तो इस मंत्र का जाप करें। इससे आर्थिक तंगी दूर हो जाती है।

10. ऊं ह्रीं त्रिं हुं फट

किसी भी कार्य में सफलता के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे मां की कृपा हमेशा बनी रहती है।

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