भगवान को भोग लगाने का मंत्र |Bhagwan Ko Bhog Lagane Ka Mantra

 भगवान को  भोग लगाने का मंत्र |Bhagwan Ko Bhog Lagane Ka Mantra

त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

अर्थ- हे ईश्वर मेरे पास जो भी है वो आपका ही दिया हुआ है। आपका दिया आपको समर्पित करता हूं। कृपा करके इसे ग्रहण करे और मुझ पर प्रसन्न हों।


हनुमान जी को भोग लगाने का मंत्र

ॐ मारुतात्मजाय नमः। ऊं हं हनुमते नम:। हनुमान जी को हलवा, गुड़ से बने लड्डू, पंच मेवा, डंठल वाला पान, केसर-भात और इमरती बहुत प्रिय है। उन्हें इन चींजों का भोग लगाते समय इस मंत्र का जाप करें।लगाने का मंत्र

 गणेश जी को भोग लगाने का मंत्र

 भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए चावल अर्पित करें. सूखा चावल गणेश जी को न चढ़ाएं. चावल को पहले गीला करें फिर, 'इदं अक्षतम् ऊं गं गणपतये नमः' मंत्र बोलते हुए तीन बार गणेश जी को चावल चढ़ाएं. पूजा में मोदक (Modak) का भोग गणेश भगवान को जरूर लगाएं क्योंकि मोदक गणेश भगवान को अति प्रिय है.

 लड्डू गोपाल को भोग लगाने का मंत्र

 अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुच। ' इस मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए. साथ ही नंद लाल को माखन-मिश्री का भोग लगाने से गुणी संतान की मनोकामना पूरी होती है. साथ ही जन्माष्टमी के दिन कान्हा को लड्डू का भोग लगाएं और ये प्रसाद के रूप में गर्भवती स्त्री को खिलाएं. 

 भगवान को भोग लगाने की विधि

 भगवान को हमेशा चांदी, मिट्टी, पीतल या फिर सोने के बर्तन में ही भोग लगाना चाहिए। भगवान को भोग लगाने के लिए कभी भी एल्यूमिनियम, लोहे, स्टील आदि बर्तनों का इस्तेमाल न करें। इसके अलावा आप खुद के बनाए गए भोजन का भी भोग लगा सकते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि लहसुन-प्याज के बौगर वाला ही भोजन का भोग लगाएं।

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