पति-पत्नी में प्रेम बढ़ाने का उपाय

पति-पत्नी में प्रेम बढ़ाने का उपाय



यह वास्तु टिप्स पति-पत्नी के बीच तकरार को दूर करने के लिए कुछ उपाय बताते हैं:


पति-पत्नी में प्रेम बढ़ाने का उपाय

1. महादेव और पार्वती की पूजा: नियमित रूप से देवी-देवताओं, विशेषकर महादेव और माता पार्वती की पूजा करने से रिश्ते में मधुरता बनी रह सकती है। इसके दौरान, घी का दीपक जलाने से भी लाभ हो सकता है।

2. शिव चालीसा का पाठ: यदि संभव हो, तो शुक्रवार को शिव चालीसा का पाठ करना भी एक विकल्प हो सकता है।

3. मां दुर्गा और लक्ष्मी की पूजा: शुक्रवार को मां दुर्गा और लक्ष्मी की पूजा करने से भी रिश्ते में मधुरता बन सकती है। गुलाब के फूल, श्रृंगार सामग्री, और सफेद रंग की मिठाई से मां लक्ष्मी की पूजा करें।

4. हल्दी की गाठें बांधकर जाप: गुरुवार को हल्दी की गाठों को पीले रंग के कपड़े में बांधकर हाथ में रखकर 'ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नमः' मंत्र का जाप करने से भी रिश्ते में सुधार हो सकता है।

5. कपूर का उपयोग: रोजाना सोते समय सिरहाने पर कपूर रखने और अगली सुबह में उसे जलाने से भी रिश्ते में मधुरता बनी रह सकती है।

6. वास्तु शास्त्र का ध्यान: वास्तु शास्त्र के अनुसार, बेड पर पति को दाएं तरफ और पत्नी को बाएं तरफ सोना चाहिए, जिससे रिश्ते में सुधार हो सकता है।


इन उपायों को अपनाने से पहले, ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि इन्हें केवल एक तंत्र के रूप में ही देखा जाए और व्यक्तिगत स्थितियों के आधार पर इन्हें अपनाया जाए। व्यक्तिगत और परिवारिक समस्याओं के समाधान के लिए समझदारी, सहयोग, और सकारात्मक मानव संबंधों की बनाए रखने की कोशिश करें।


पति-पत्नी में कलेश के उपाय मंत्र | Pati Patni Mai Kalesh  Upay Mantra

 वैवाहिक जीवन में कलह को दूर करने के उपाय :


मंत्र:

"ॐ नमः संभवाय च मयो भवाय च नमः

शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।"


मंत्र जाप का विधि:

1. सुबह उठने के बाद, स्नान करें और शुद्ध रूप से बैठकर ध्यान में पूर्वदिक्षिणा (पूर्व दिशा) की ओर मुख करें।

2. एक एकांत जगह पर बैठकर, मां पार्वती की प्रतिमा या चित्र के सामने रखें।

3. मां पार्वती की स्तुति करें और उन्हें श्रद्धापूर्वक प्रणाम करें।

4. फिर, ऊपर दिए गए मंत्र का 21 बार जाप करें, माला का उपयोग कर सकते हैं।

5. मंत्र जाप के दौरान, पति-पत्नी के बीच मतभेद को दूर करने की भावना के साथ कार्य करें।


उपयुक्त समय:

- सूर्योदय से पहले इस मंत्र का जाप करना उत्तम है।

- इस अभ्यास को नियमित रूप से करना चाहिए, सर्वांग स्नान के बाद।


अन्य मंत्र:

"अक्ष्यौ नौ मधुसंकाशे अनीकं नौ समंजनम्।

अंत: कृणुष्व मां ह्रदि मन इन्नौ सहासति।।"


यह दूसरा मंत्र भी पति-पत्नी के बीच में अनबन को दूर करने के लिए किया जा सकता है। मंत्र जाप के साथ साथ, सहासति (साहस) की भावना को भी अपनाएं।

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