बीज मंत्र | Beej Mantra List

 बीज मंत्र | Beej Mantra List


बीज मंत्र क्या है? | What is Beej Mantra 

बीज मंत्र संस्कृत में "बीज" शब्द से आता है, जिसका अर्थ होता है "बीज" या "बीज का अंश"। बीज मंत्र एक छोटा, सामान्यत: एक या दो अक्षरों का, आध्यात्मिक उपासना या ध्यान के लिए एक प्रशिक्षण होता है। यह विशेष स्वरूप से जुड़े होता है और अद्भुत शक्ति को समर्पित करने का माध्यम होता है।

बीज मंत्र के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं:

1. ध्यान का माध्यम: बीज मंत्र ध्यान या मेडिटेशन के लिए एक उपयुक्त माध्यम हो सकता है। यह विचारशीलता और आत्मा के साथ एकता की स्थिति में सहायक हो सकता है।

2. आध्यात्मिक उन्नति: बीज मंत्र का नियमित जाप आत्मा की ऊर्जा को उत्तेजित कर सकता है और आत्मा के अद्भूतता की अवस्था की ओर पहुँचाने में मदद कर सकता है।

3. देवता या देवी से संबंध: बीज मंत्र विशिष्ट देवता या देवी से संबंधित हो सकता है और इसका जाप उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

4. उच्चारण का माध्यम: बीज मंत्रों का उच्चारण करना मानसिक तनाव को कम करने, मन को स्थिर करने, और आत्मा के साथ संबंध बनाए रखने का एक अच्छा माध्यम हो सकता है।

5. सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत: बीज मंत्र का जाप सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत बना सकता है और व्यक्ति को आत्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से संपन्न कर सकता है।

कुछ प्रसिद्ध बीज मंत्रों में "ॐ" (Aum), "ह्रीं" (Hreem), "श्रीं" (Shreem), "क्लीं" (Kleem), "ॐ नमः शिवाय" (Om Namah Shivaya), "ॐ मनि पद्मे हूं" (Om Mani Padme Hum) आदि शामिल हैं। इन्हें अपने आध्यात्मिक साधना के हिस्से के रूप में अपना सकते हैं।

त्रिशक्ति बीज मंत्र | Trishakti Beej Mantra  


ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महाकाली महालक्ष्मी महास्वती स्वरूपन्यायै त्रिगुणात्मकायै दुर्गा देव्यै नमः |

"ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती स्वरूपणै त्रिगुणात्मकायै दुर्गा देव्यै नम:"


रोग निवारण बीज मंत्र   | Rog Nivaran Beej Mantra 

।। ॐ ह्रौं जूं सः । ॐ भूर्भवः स्वः । ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌ । उर्वारुकमिव बन्धनांन्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌ । स्वः भुवः भूः ॐ । सः जूं ह्रौं ॐ ।


हुं बीज मंत्र किसका है

 बीज मंत्र 'हं' हनुमान जी का


हनुमान जी बीज मंत्र । Hanuman ji ka Beej Mantra 

 ।। ॐ ऐं भ्रीम हनुमते श्री राम दूताय नमः ।।


काली बीज मंत्र । Kali Beej Mantra 

ॐ क्रीं काली

शुक्र बीज मंत्र । Shukra Beej Mantra 

ऊँ शुं शुक्राय नम:

भगवान शिव का बीज मंत्र क्या है?

शिवजी बीज मंत्र । Shivaji Beej Mantra 

  • ॐ नमः शिवायभगवान शिव का सबसे लोकप्रिय और जाना माना मंत्र है.

  • ॐ नमो भगवते रुद्राय नमःभगवान शिव का ये मंत्र रुद्र मंत्र के नाम से जाना जाता है.

  • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||भगवान शिव का महामृत्युंजय बेहद प्रभावशाली माना जाता है. 

  • ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहितन्नो रुद्रः प्रचोदयात्!महादेव का गायत्री मंत्र है सर्वशक्तिशाली माना जाता है. 

  • करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसंवापराधं ।विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो॥इस मंत्र के जाप से मनुष्य को जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है. 

शक्तिशाली बीज मंत्र कौन सा है?

गायत्री मंत्र 'ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्'

 24 अक्षरों से बना है. यदि इस मंत्र के अर्थ को समझकर इसका एकाग्रता के साथ जाप किया जाए तो जातक का शरीर सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है. ये 24 अक्षर चौबीस अवतार, चौबीस ऋषियों, चौबीस शक्तियां, चौबीस सिद्धियों का प्रतीक है. इस मंत्र का जाप करने से कई लाभ होते हैं, सिद्धियां प्राप्‍त होती हैं. 




नवग्रह बीज मंत्र  बीज मंत्र के फायदे | Navgrah Beej Mantra and benefits


नवग्रहों के बीज मंत्र व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए प्रचलित हैं। नवग्रहों में सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, और केतु शामिल हैं। यहां नवग्रहों के प्रत्येक के बीज मंत्र और उनके फायदे दिए जा रहे हैं:

1. सूर्य (Sun):
   - बीज मंत्र: ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः (Om Hram Hreem Hroum Sah Suryaya Namah)
   - फायदे: सूर्य के बीज मंत्र का जाप सौभाग्य और समृद्धि को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है, और रोगों से मुक्ति प्रदान कर सकता है।

2. चंद्रमा (Moon):
   - बीज मंत्र: ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः (Om Shram Shreem Shroum Sah Chandraya Namah)
   - फायदे: चंद्रमा के बीज मंत्र का जाप मानसिक स्थिति को स्थिर करने और मानवीय संबंधों को सुधारने में मदद कर सकता है।

3. मंगल (Mars):
   - बीज मंत्र: ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः बौमाय नमः (Om Kram Kreem Kraum Sah Bhaumaya Namah)
   - फायदे: मंगल के बीज मंत्र का जाप युद्ध और बल की दृष्टि से शक्ति प्रदान कर सकता है और रोगों का निवारण कर सकता है।

4. बुध (Mercury):
   - बीज मंत्र: ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः (Om Bram Breem Broum Sah Budhaya Namah)
   - फायदे: बुध के बीज मंत्र का जाप बुद्धि, बुद्धिमत्ता, और विद्या में सुधार कर सकता है, और बुध ग्रह के दोषों को कम कर सकता है।

5. बृहस्पति (Jupiter):
   - बीज मंत्र: ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः (Om Gram Greem Graum Sah Gurave Namah)
   - फायदे: बृहस्पति के बीज मंत्र का जाप ज्ञान, शिक्षा, और धर्म की ओर मार्गदर्शन कर सकता है, और सफलता में सहायक हो सकता है।

6. शुक्र (Venus):
   - बीज मंत्र: ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः (Om Dram Dreem Droum Sah Shukraya Namah)
   - फायदे: शुक्र के बीज मंत्र का जाप सौंदर्यिक और कल्याणकारी गुणों को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है, और व्यापार में सफलता प्रदान कर सकता है।

7. शनि (Saturn):
   - बीज मंत्र: ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः (Om Pram Preem Praum Sah Shanaischaraya Namah)
   - फायदे: शनि के बीज मंत्र का जाप करने से कष्टों का निवारण हो सकता है, और समृद्धि और स्थिरता प्राप्त हो सकती है।

8. राहु (North Node):
   - बीज मंत्र: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः (Om Bhram Bhreem Bhroum Sah Rahave Namah)
   - फायदे: राहु के बीज मंत्र का जाप आत्मिक उन्नति में मदद कर सकता है और अज्ञानता से मुक्ति प्रदान कर सकता है।

9. केतु (South Node):
   - बीज मंत्र: ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः (Om Stram Streem Straum Sah Ketave Namah)
   - फायदे: केतु के बीज मंत्र का जाप समझदारी, बुद्धिमत्ता, और आत्मा के साथ संबंध को सुधार सकता है और आत्मा की ऊर्जा को बढ़ावा दे सकता है।


बीज मंत्र देवी  देवता | Beej Mantra Devi Devta


1. “ॐ” बीज मंत्र
ओम 3 अक्षरों ‘अ’ ‘उ’ ‘म’ से मिलकर बना है. यह ओ३म् या ओंकार प्रणव के नाम से भी जाना जाता है. जो त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश और त्रिलोक भूर्भुव: स्व: भूलोक भुव: लोक और स्वर्ग लोक का प्रतीक माना जाता है. इस मंत्र का पाठ करने से कई बीमारियों से रक्षा होती है इसके अलावा हमारे शरीर के सातों चक्र जागृत हो जाते हैं.

 
2. “ह्रीं” बीज मन्त्र
ये मंत्र शक्ति बीज या माया बीज कहलाता है. इसमें ह = शिव, र = प्रक्रति, ई = महामाया, नाद विश्वमाता, बिंदु = दुःख हर्ता है. इस बीज मंत्र का तात्पर्य है- शिवयुक्त विश्वमाता मेरे दुःखो का हरण करें.

3.माता महालक्ष्मी का बीज मंत्र

 “श्रीं” बीज मन्त्र
इसमें बीज मंत्र में 4 स्वर व्यंजन शामिल हैं. इसमें श = महालक्ष्मी, र = धन-ऐश्वर्य, ई = तुष्टि, अनुस्वार= दुःख हरण है, नाद का तात्पर्य विश्वमाता है. इस बीज मंत्र ‘श्रीं’ अर्थ है- धन ऐश्वर्य-सम्पत्ति, तुष्टि-पुष्टि की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी मेरे दुःखों का नाश कर मुझ पर कृपा बनाएं.

 
 4. ऐं बीज मंत्र
यह सरस्वती बीज मंत्र है. इसमें ऐ से तात्पर्य सरस्वती, अनुस्वार = दुःखहरण, इस प्रकार “ऐं” बीज मंत्र का अर्थ है- हे मां सरस्वती! मेरे दुःखों का अर्थात् अविद्या का नाश करें.

 
5. काली  बीज मंत्र

“क्रीं” बीज मन्त्र
इस बीज मंत्र में 4 स्वर व्यंजन शामिल हैं. इसमें क = काली, र = ब्रह्म, ई = कार महामाया, अनुस्वार = दुःखहरण है. इस प्रकार ‘क्रीं’ बीज मंत्र का अर्थहै- ब्रह्म शक्ति सम्पन्न महामाया काली मेरे दु:खों का हरण करें.

6. शिव  बीज मंत्र

“ह्रौं” बीज मन्त्र
ह्रौं प्रसाद बीज मंत्र के रूप में जाना जाता है. इसमें ह्र= शिव, औ = सदाशिव, अनुस्वार = दुःखहरण, इस बीज मंत्र का अर्थ है- शिव और सदाशिव कृपा कर मेरे दुःखों का हरण करें.


7. “क्लीं” बीज मन्त्र
इस बीज मंत्र में क= कृष्ण अथवा काम, ल= इंद्र, ई = तुष्टिभाव, अनुस्वार सुखदाता, इस “क्लीं” बीज मंत्र का अर्थ है- कामदेव रूप भगवान कृष्ण मुझे सुख सौभाग्य और सुंदरता प्रदान करें.

8.गणेश का बीज मंत्र

“गं” बीज मंत्र 
ये गणपति बीज मंत्र है. इसमें ग = गणेश, अनुस्वार = दुःखहर्ता, जिसका अर्थ है- भगवान गणेश मेरे विघ्नों को, दुःखों को दूर करें.

9. “हूँ” बीज मंत्र
ये “हूँ” कूर्च बीज मंत्र है. इसमें ह = शिव, ॐ = भैरव, अनुस्वार = दुःखहर्ता, इसका अर्थ है – हे! असुर संहारक शिव मेरे दुःखों का नाश करें.


10. विष्णु बीज मंत्र  | Vishnu Beej Mantra 
श्री विष्णु का बीज मंत्र ।। दं ।। है । जीवन में हर प्रकार के सुख और एश्वर्य की प्राप्ति हेतु इस बीज मंत्र द्वारा भगवान श्री विष्णु की आराधना की जाती हैं ।


11.राम बीज मंत्र  | Ram Beej Mantra 
भगवान श्री राम का बीज मंत्र ।। रीं ।। है, जिसे भगवान श्री राम के मंत्र के शुरू में प्रयोग करने से मंत्र की प्रबलता और भी अधिक हो जाती है । भगवान श्री राम के बीज मंत्र को इस प्रकार से प्रयोग कर सकते है- रीं रामाय नमः

12.हनुमान जी का बीज मंत्र  | Hanuman Beej Mantra 
श्री हनुमान जी कलियुग में शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता कहे जाते हैं, ऐसे में बीज मंत्र द्वारा उनकी आराधना व्यक्ति के सभी दुखों को हरने में सक्षम है, हनुमान जी का बीज मंत्र है ।। हं ।। ।


13.कृष्ण बीज मंत्र  | Krishna Beej Mantra 
योगेश्वर श्री कृष्ण का बीज मंत्र ।। क्लीं ।। है जिसका उच्चारण अकेले भी किया जा सकता है व भगवान श्री कृष्ण के वैदिक मंत्र के साथ भी, इस बीज मंत्र का प्रयोग इस प्रकार से करें- ।। क्लीं कृष्णाय नमः ।। ।

14. माँ दुर्गा का बीज मंत्र  | Maa Durga  Beej Mantra 
शक्ति स्वरुप माँ दुर्गा का बीज मंत्र
।। दूं ।।
 जिसका अर्थ है, हे माता मेरे सभी दुखों को दूर कर मेरी रक्षा करो ।

16.ब्रह्म देव  बीज मंत्र  | Brahma Beej Mantra 
कुछ बीज मंत्र ऐसे भी है जो  है उस परमपिता परमेश्वर के जो समस्त ब्रम्हांड के रचियता, पालनकर्ता और रक्षक हैं, ब्रह्म देव का बीज मंत्र इस प्रकार है-

 ।। ॐ खं कं ।। ये तीनों बीज मंत्र ब्रह्म देव के वाचक हैं ।


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