कुबेर मंत्र | Kuber Mantra
कुबेर देवता हिन्दू धर्म में धन, धन के भंडारण, और समृद्धि के देवता के रूप में मान्यता प्राप्त हैं। वह भगवान विष्णु के अनुयायी हैं और धन के प्रभु के रूप में जाने जाते हैं। कुबेर देवता को लक्ष्मीपति भी कहा जाता है, और वह अधिक धन, संपत्ति, और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए पूजा और उपासना के लिए जाने जाते हैं।
कुबेर देवता को अक्षय पत्र और धन के देवता के रूप में भी जाना जाता है, और वह धन के पालने-पोषने के लिए माना जाता है। विशेषकर, व्यापार, वित्तीय सफलता, और संपत्ति की वृद्धि के लिए उनकी कृपा की आशीर्वाद पाने के लिए लोग कुबेर देवता की पूजा करते हैं।
कुबेर देवता का चित्रण विभिन्न प्राचीन भारतीय पौराणिक ग्रंथों में किया गया है, और वे धन, संपत्ति, और लक्ष्मी के पुराणों में अधिक जाने जाते हैं। लोग अक्षय तृतीया, दीपावली, और अन्य महत्वपूर्ण पर्वों पर कुबेर देवता की पूजा करते हैं और धन के बढ़ने की कामना करते हैं।
भगवान कुबेर का अमोघ मंत्र
माना जाता है कि ये मन्त्र कुबेर देवा का सबसे प्रिय मन्त्र है. इस 35 अक्षरों वाले मंत्र का नियमित रूप से 3 माह तक जाप करने से मनुष्य को किसी भी तरह के धन-धान्य की कमी नहीं होती. मन्त्र का जाप करते समय मुंह दक्षिण दिशा की और करें.
पहला मंत्र : ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये, धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
अष्ट लक्ष्मी कुबेर मंत्र | Asth Laxmi Kuber Mantra
यह मंत्र मां लक्ष्मी और कुबेर देवता का माना जाता है. कहते हैं जिस व्यक्ति को जीवन में कहा जाता है कि इस मन्त्र के जाप से व्यक्ति के जीवन में ऐश्वर्य, पद, प्रतिष्ठा, सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इस मंत्र का जाप सच्चे श्रद्धा भाव के साथ नियमित रूप से शुक्रवार की रात में करनी चाहिए.
दूसरा मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
धन प्राप्ति के लिए कुबेर मंत्र | Kuber Mantra
इस मंत्र से व्यक्ति को हर तरह के भौतिक सुख प्राप्त होते हैं. इस मंत्र के नियमित जाप से कभी भी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता.
तीसरा मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥
गणेश लक्ष्मी कुबेर मंत्र | Ganesh Laxmi Kuber Mantra
गणेशजी
की पूजा करने के बाद गणेश कुबेर मंत्र का 11 दिन तक नियमित रूप से जाप
करने से व्यक्ति को धन के नवीन स्त्रोत मिलना आरंभ होते हैं।
ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।
यह मंत्र अपार लक्ष्मी देने वाला है।
अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र जाप विधि | Asth Laxmi Kuber Mantra Jaap Vidhi
सुबह स्नान करने के बाद पूजा स्थल तैयार करें. एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर गंगाजल छिड़कें. चौकी पर महालक्ष्मी और श्री कुबेर की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद घी का दीपक, धू और अगरबत्ती जलाएं. पुष्प अर्पित करें और प्रतिमा पर लाल कुमकुम का तिलक करें. इसके बाद 108 मनकों की माला दाहिनें हाथ में लेकर जाप शुरू करें. इसके पश्चात मंत्र का उच्चारण करें.
कुबेर मंत्र का पौधा | Kuber Plant
क्रासुला (Crassula) पौधे का उपयोग कुबेर देवता के पूजा में किया जाता है, यह एक पौधा होता है जिसे लोग आपने घरों में पौधों के रूप में रखते हैं। क्रासुला पौधे की विशेषता है कि इसे ज्यादा देखभाल की आवश्यकता नहीं होती और यह बिना ज्यादा पानी और धूप के अच्छे से बढ़ सकता है। यह आपके घर में वास्तुशांति और धन की वृद्धि को प्रकट करने के लिए प्राचीन धार्मिक और आध्यात्मिक प्रथाओं में उपयोग किया जाता है।
कुबेर देवता को हिन्दू धर्म में धन के देवता के रूप में पूजा जाता है, और क्रासुला का उपयोग इस पूजा के समय धन की वर्द्धना के लिए किया जाता है। यह एक प्रकार का आध्यात्मिक संदेश होता है, और लोग इसे अपने आध्यात्मिक और धार्मिक प्रथाओं का हिस्सा मानते हैं।
क्रासुला का पौधा आसानी से पाए जा सकता है और घर की सजावट और वास्तुशांति के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
कुबेर मंत्र साधना के चमत्कार | Kuber Mantra Miracles
कुबेर मंत्र साधना का उपयोग धन, संपत्ति, और लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए किया जाता है। यह मंत्र साधना के द्वारा लोग कुबेर देवता की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। धन और संपत्ति के वृद्धि के लिए कुबेर मंत्र का जाप करने से चमत्कारिक प्रभाव हो सकता है, परंतु इसके लिए अध्यात्मिक अनुष्ठान और समर्पण की आवश्यकता होती है।
कुबेर मंत्र साधना की अद्भुत प्रभाविति के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जाता है:
1. गुरु की मार्गदर्शन: मंत्र साधना की शुरुआत में गुरु के पास जाना चाहिए, जो आपको मंत्र की सही उच्चारण और उपयोग की जानकारी देंगे।
2. शुद्धि की प्रक्रिया: साधक को अपने मन, वचन, और क्रियाओं को शुद्ध और पवित्र रखना चाहिए।
3. मंत्र जाप: कुबेर मंत्र का नियमित जाप करना आवश्यक होता है, जो धन के देवता कुबेर की कृपा प्राप्ति में मदद कर सकता है।
4. व्रत और पूजा: विशेष दिनों पर व्रत रखना और कुबेर देवता को यजमान के रूप में पूजन करना भी आवश्यक होता है।
5. समर्पण: यह अध्यात्मिक साधना में आपका समर्पण और विश्वास महत्वपूर्ण होता है।
धन और संपत्ति के लिए कुबेर मंत्र साधना को सावधानीपूर्वक और सच्चे मन से करना चाहिए, और यह धार्मिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया होती है जो अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए की जाती है।
कुबेर जी की आरती | KuberJi Aarti
ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे,
स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे ।
शरण पड़े भगतों के,
भण्डार कुबेर भरे ।
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,
स्वामी भक्त कुबेर बड़े ।
दैत्य दानव मानव से,
कई-कई युद्ध लड़े ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
स्वर्ण सिंहासन बैठे,
सिर पर छत्र फिरे,
स्वामी सिर पर छत्र फिरे ।
योगिनी मंगल गावैं,
सब जय जय कार करैं ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
गदा त्रिशूल हाथ में,
शस्त्र बहुत धरे,
स्वामी शस्त्र बहुत धरे ।
दुख भय संकट मोचन,
धनुष टंकार करें ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,
स्वामी व्यंजन बहुत बने ।
मोहन भोग लगावैं,
साथ में उड़द चने ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
बल बुद्धि विद्या दाता,
हम तेरी शरण पड़े,
स्वामी हम तेरी शरण पड़े ।
अपने भक्त जनों के,
सारे काम संवारे ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
मुकुट मणी की शोभा,
मोतियन हार गले,
स्वामी मोतियन हार गले ।
अगर कपूर की बाती,
घी की जोत जले ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
यक्ष कुबेर जी की आरती,
जो कोई नर गावे,
स्वामी जो कोई नर गावे ।
कहत प्रेमपाल स्वामी,
मनवांछित फल पावे ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥