Swayamvara Parvathi Mantra | स्वयंवर पार्वती मंत्र

 Swayamvara Parvathi Mantra | स्वयंवर पार्वती मंत्र

 

पार्वती स्वयंवर  मंत्र  | Parvathi  Swayamvara Mantra

ॐ ह्रीं योगिनी योगिनी योगेश्वरी योग भयंकरी
सकल स्थावर जंगमस्य मुख हृदयं मम वशं
आकर्षय आकर्षय नमः।।

स्वयंवर पार्वती मंत्र अर्थ | Swayamvara Parvathi Mantra Meaning

हे मां पार्वती, जो पवित्र है और जो निरंतर भगवान शिव के प्रेम में है, आप मुझे दूसरों को आकर्षित करने और प्रेम संबंध में बंधने की शक्ति दो।


जिन कन्याओ की शादी में विलंब हो रहा है उन कन्याओ को घर में माता पार्वती की तस्वीर के सामने या शिव जी के मंदिर जाकर माता पार्वती स्त्रोत का पाठ अवश्य ही करना चाहिए। 

 

कैसे करें मंत्रों का जाप

जिन कन्याओ के विवाह में विलंब आ रहा है पूजन से पहले उसका संकल्प जरूर लें। हाथों में जल, फूल और अक्षत लेकर जिस दिन पूजा कर रहे हैं उसकी तिथि, वर्ष, वार और जगह का नाम अपना गोत्र लेकर अपनी इच्छा का स्मरण करें। संकल्प के बाद जल को जमीन पर छोड़ दें। जिन कन्याओ की शादी में देरी हो रही है गुरु पुष्य रवि पुष्य अक्षय तृतीया या श्रावण मास में निम्नलिखित मंत्रो का जप संकल्पपूर्वक शुरू करना चाहिए। इससे माता पार्वती की कृपा अवश्य ही प्राप्त होगी|

ह्रीं गौर्य नम :
है गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया।
तथा मां कुरू कल्याणि कान्तकान्तां सुदुर्लभाम्।।


इस मन्त्र का तात्पर्य है -हे गौरि, शंकर की अद्र्धांगिनी! जिस प्रकार तुम शंकर की प्रिया हो, उसी प्रकार हे कल्याणी! मुझ कन्या को दुर्लभ वर प्रदान करो।

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