नंदी गायत्री मंत्र | Nandi Gayatri Mantra
नंदी गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, नन्दिकेश्वराय धीमहि, तन्नो वृषभ: प्रचोदयात्।।
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे नंदिकेश्वराय धीमहि तन्नो वृषभः प्रचोदयात्।
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे चक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो नन्दिः प्रचोदयात् ||
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे चक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो नंदिः प्रचोदयात्।
ॐ शिववाहनाय विद्महे तुण्डाय धीमहि, तन्नो नन्दी: प्रचोदयात्!
ॐ शिवाभाहनाय विध्महे तुण्डाय धीमहे। थन्नो नंदी प्रचोदयात्
अर्थ: ॐ. मुझे उस महान जीव का ध्यान करने दो, हे देवों के देव, मुझे उच्च बुद्धि दो, और भगवान नंदी मेरे मन को प्रकाशित करो।
नंदी पूजा मंत्र | Nandi Puja Mantra
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे चक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो नन्दिः प्रचोदयात् ||
ॐ शिववाहनाय विद्महे तुण्डाय धीमहि, तन्नो नन्दी: प्रचोदयात!
नंदी पूजा विधि | Nandi Puja Vidhi
1. शिवलिंग की पूजा: शिवलिंग की पूजा के बाद, नंदी के सामने एक दीपक जलाएं।
2. नंदी महाराज की आरती: नंदी की पूजा के बाद, उनकी आरती करें।
3. मनोकामना का इज़हार: किसी से बातचीत किए बिना, नंदी के कानों में अपनी मनोकामना बताएं।
4. कान की ओर: मान्यता है कि व्यक्ति को अपनी मनोकामना नंदी के बाएं कान में बोलनी चाहिए, क्योंकि इसका अधिक महत्व है।
5. गुप्तता: मनोकामना बोलते समय अपने मुख को हाथों से ढंक लें, ताकि आपकी बात को कोई ना सुन सके, और आपकी मनोकामना गुप्त रहे।
6. जब अपनी मनोकामना नंदी को बोलें, तो उनके सामने कुछ भेंट, जैसे- फल, फूल, प्रसाद आदि भी अर्पित करें
नंदी चालीसा | Nandi Chalisa
नंदी चालीसा श्री नंदी महाराज की महिमा और आशीर्वाद का गान करने के लिए हिन्दू धर्म में प्रयुक्त एक प्रार्थना है। यह चालीसा भक्तों द्वारा प्रतिदिन उनके पूजा-अराधना के हिस्से के रूप में पढ़ी जाती है। यहाँ नंदी चालीसा का एक संक्षेप रूप है:
जय नंदी विघ्न हरणी, मंगल करण हरणी।
आदि अंत साकार हो, तुझ रूप विचार करूँ।।
चालीसा:
नंदी तुझे मेरी शरण, विनय करूँ अर्पण।
भव सागर के तारण, कृपा करो भवानी।
तुझमें ही शक्ति, तुझमें ही बुद्धि।
तुझमें ही ज्ञान, तुझमें ही सिद्धि।
नंदी जी तू देव के दूत, नित करता संकट मोक्ष प्राप्त।
तुझ साथ सब कामना हो साकार, अनन्य भाव से तुझको पूजता भक्त विचार।
कर जो तू दर्शन, जनम-मरण बंधन तू दूर करन।
जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बरसाना, सबकी तू विनती सुनना।
जय नंदी भगवान, दुख निवारण हरण।
मानव जीवन के सारथी, तू ही विश्व की धारा धरण।
आरती से तू विजयी, महादेव से प्रिय।
सब दुःख हरण हे नंदी, तुझे मेरा नमन करूँ सदा।```
नंदी चालीसा का पाठ नंदी महाराज की पूजा और आराधना के साथ ही किसी भक्ति समागम या मंदिर में भी किया जा सकता है। यह चालीसा भक्तों को मानसिक शांति और सुख-शांति की प्राप्ति में मदद करने के रूप में मानी जाती है।
नंदी के कान में क्या बोला जाता है
नंदी के कान में अपनी मनोकामना बोल दें.
नंदी की पत्नी का नाम
सुयशा