कृष्ण जन्माष्टमी कब है? जानें सही डेट, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि । Krishna Janmasthmi Puja Vidhi Aw Mantra
पचांग के अनुसार, श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल की पूजा का समय 06 सितंबर रात्रि 11 बजकर 17 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 03 मिनट तक रहेगा। इस समय स्मार्त सम्प्रदाय द्वारा पूजा-पाठ किया जाएगा। वहीं वैष्णव सम्प्रदाय द्वारा बाल गोपाल की पूजा 07 सितंबर रात्रि 11 बजकर 16 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 03 मिनट के मध्य किया जाएगा।
कृष्ण जन्माष्टमी पूजा का आयोजन भगवान कृष्ण के जन्म दिन को मनाने के लिए किया जाता है। यहाँ कृष्ण जन्माष्टमी पूजा की सामान्य विधि और मंत्र दिए गए हैं:
कृष्ण जन्माष्टमी पूजा की सामग्री:
1. भगवान कृष्ण की मूर्ति या चित्र
2. पूजा की थाली
3. दूध, दही, मक्खन, घी, शाखाहारी और गेहूं की रोटियां (कृष्ण की पसंदीदा खाद्य पदार्थ)
4. फल (मिश्रित फल, चाकली, मिल्क केक आदि)
5. पूजा के लिए फूल, तुलसी पत्ते, गंध, कुमकुम, हल्दी पाउडर, गोलू (रंग), धूप, दीप, बाती
6. जल कलश
7. पूजा की ठाली
8. भगवान कृष्ण की कथा की किताब
कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि:
1. पूजा का आयोजन साफ-सफाई वाले स्थान पर करें और भगवान कृष्ण की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें।
2. अब भगवान कृष्ण की मूर्ति को शुद्ध करने के लिए जल कलश का आयोजन करें और उससे मूर्ति को स्नान कराएं।
3. मूर्ति को सजाने के लिए फूल, गंध, कुमकुम, हल्दी पाउडर, गोलू, और तुलसी पत्ते का उपयोग करें।
4. फल, दूध, दही, मक्खन, घी, शाखाहारी और गेहूं की रोटियां भगवान कृष्ण के पसंदीदा खाद्य पदार्थ के रूप में प्रसाद के रूप में प्रस्तुत करें।
5. कृष्ण जन्माष्टमी की कथा का पाठ करें।
6. गणेश जी की पूजा करें और उनसे कृष्ण जी की कृपा की प्रार्थना करें।
7. कृष्ण आरती गाएं और भगवान कृष्ण की मूर्ति का दर्शन करें।
8. पूजा के बाद, प्रसाद को बांटें और उसे गायिका और बच्चों के बीच बांटें।
9. रात को कृष्ण जी की मूर्ति के आगे माता यशोदा का कृष्ण को सुलाने का आयोजन करें।
कृष्ण जन्माष्टमी मंत्र:
1. "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" (Om Namo Bhagavate Vasudevaya) - इस मंत्र का जाप करें।
2. "हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे। हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे।" (Hare Krishna, Hare Krishna, Krishna Krishna, Hare Hare. Hare Rama, Hare Rama, Rama Rama, Hare Hare) - हरे कृष्ण महामंत्र का जाप करें।
कृष्ण जन्माष्टमी पूजा
के दौरान, भक्ति, आस्था और श्रद्धा के साथ इन मंत्रों और पूजा विधियों का पालन करें। इस दिन को भगवान कृष्ण के जन्म के रूप में मनाने का महत्व होता है और इसे आत्मिक उन्नति और सुख के लिए अद्भुत अवसर माना जाता है।