पीपल पूजा के नियम | Peepal Puja Niyam
पीपल के उपचार: हिन्दू धर्म में पीपल का पेड़ उचित पूजनीय माना जाता है। इस पर यह मान्यता है कि देवताएं उसमें वास करती हैं और अन्यों के साथ ही पितरों की भी। इसलिए पीपल पूजा का सही विधि-विधान के साथ किया जाना देवताओं और पितरों के आशीर्वाद को प्राप्त करने में मदद करता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पीपल के पेड़ की पूजा और आराधना से जीवन से जुड़े सभी कष्टों का निवारण होता है और सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। आइए देखते हैं की पीपल पूजा करते समय किन नियमों का पालन करना आवश्यक है।
भगवान शिव और हनुमान की उपासना:
भगवान शिव और हनुमान के कृपालु आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर उन्हें विशेष रूप से पूजन करने से वे शीघ्रता से प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा बरसती है।
सुख और समृद्धि के लिए उपाय:
शनिवार के दिन पीपल के पेड़ में मान्यता के अनुसार लक्ष्मी जी का वास होता है। इसके लिए शनिवार के दिन पीपल के पेड़ को जल देने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो सकती है। वैसे ही, शनिवार के दिन पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाकर शनि देव की प्रसन्नता प्राप्त की जा सकती है और भक्तों की कठिनाइयों को दूर किया जा सकता है।
शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा कैसे करें
शनि के दोष को दूर करने के लिए:
जो व्यक्ति शनि से जुड़े किसी दोष जैसे शनि दोष, शनि ढैय्या, साढ़ेसाती या शनि महादशा से पीड़ित होता है, वह पीपल की पूजा से बहुत लाभान्वित हो सकता है। इसके साथ ही, शनिवार के दिन सरसों के तेल का दीपक जलाना भी फायदेमंद हो सकता है।
पीपल पूजा करते समय इन महत्वपूर्ण बातों का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है:
पीपल की पूजा किस दिशा में करनी चाहिए
1. रविवार के दिन पीपल के पेड़ को जल नहीं देना चाहिए।
2. पीपल के पेड़ को कभी न काटें, क्योंकि मान्यता के अनुसार ऐसा करने से वंश की वृद्धि रुक जाती है।
3. शास्त्रों में बताया गया है कि सूर्योदय से पहले कभी भी पीपल के पेड़ की पूजा नहीं करनी चाहिए। इस समय में मां लक्ष्मी की बहन दरिद्रा का आवास होता है, जिससे घर में दरिद्रता की स्थिति हो सकती है।
4. पीपल के पेड़ की पूजा करने से जुड़े यह भी मान्यता है कि परिक्रमा करने से जीवन के सभी दोषों से मुक्ति मिलती है।