नागपंचमी पूजा विधि | Nag Panchami Puja Vidhi

  नागपंचमी पूजा विधि | Nag Panchami Puja Vidhi

हिन्दू धर्म में पर्व और त्योहारों का विशेष महत्व है। प्रत्येक महीने में, कोई न कोई पर्व होता है जो सनातन परंपरा की महिमा को और बढ़ाता है। आने वाले कुछ दिनों में नागपंचमी का त्योहार आने वाला है। नाग पंचमी का त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचमी तिथि के स्वामी के रूप में नाग देवता को माना गया है। नाग पंचमी के दिन व्रत रखने की विधि है। नाग पंचमी के व्रत और संबंधित कथा का पाठ करने से व्यक्ति को सर्प दोष से मुक्ति मिलती है। डर दूर होता है और परिवार की सुरक्षा बढ़ती है। इस व्रत में आठ देवताओं को नाग माना गया है। इस दिन अनन्त, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख - इन आठ अष्टनागों की पूजा की जाती है। इस साल 2023 में, नाग पंचमी को बिहार सहित सम्पूर्ण भारत में 21 अगस्त 2023 को सोमवार को मनाया जाएगा।

नाग पंचमी पूजा के शुभ मुहूर्त:


नाग पंचमी पूजा मुहूर्त: सुबह 5:53 मिनट से सुबह 8:30 बजे तक।
नाग पंचमी की तिथि का समापन: 22 अगस्त 2023, मंगलवार को रात 2:00 बजे होगा।

नाग पंचमी का महत्व (2023):


नाग पंचमी का महत्व यह है कि यह सांपों से अपनी और परिवार की रक्षा के लिए मनाया जाता है और नागों की पूजा की जाती है। यदि किसी की कुंडली में कालसर्प दोष हो, तो नाग पंचमी की पूजा और व्रत से इस दोष से राहत मिलती है। उज्जैन के नागचंद्रेश्वर मंदिर केवल नाग पंचमी के दिन ही खुलता है, और वहां पूजा से कालसर्प दोष का उपशम होता है।

नाग पंचमी पूजा विधि: | Nag Panchami Puja Vidhi


नागपंचमी पूजा के लिए अपने घर के द्वार के दोनों ओर नाग की आकृति बनाकर घी, दूध और जल से तर्पण करें। इसके बाद दीप, धूप, माला, फूल आदि से पूजा करें। उसके बाद गेहूं, दूध, धान का भोग चढ़ाएं। नाग पंजमी पूजन से सर्प दोष से मुक्ति मिलती है।

नाग पंचमी के उपाय:


    इस दिन नाग देवता को दूध पिलाएं।
    इस दिन नाग देवता को दूध पिलाएं
    नाग पंचमी के दिन हल्दी, रोली, चंदन से नाग देवता की पूजा करें और आरती उतारें.
    यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो नाग पंचमी के दिन नाग-नागिन के जोड़े को बहते हुए पानी में प्रवाहित करें.
    इस दिन ब्राहमण को नाग-नागिन के चांदी के जोड़े दान करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है और सांप काटने का दोष भी दूर होता है.
    इस दिन व्यक्ति को उपवास रखना चाहिए और नाग देवता पूजन करते हुए नाग पंचमी के मंत्रों का जाप करना चाहिए.
    इस दिन रूद्राभिषेक करने से भी कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है.
    इस दिन शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, चीनी चढ़ाएं. इस बात का ध्यान रखें कि जल पीतल के लोटे से ही अर्पित करें.

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