Patni Manorama Dehi Mantra|  मनचाही पत्नी पाने का मंत्र

 Patni Manorama Dehi Mantra| पत्नीं मनोरमां देहि मंत्र

   

  Patni Manoraman Dehi |  पत्नीं मनोरमां देहि

 मनचाही पत्नी पाने का मंत्र मनपसंद पत्नी प्राप्ति के उपाय
पत्नी पाने के लिए मंत्र


पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानु सारिणीम् ।
तारिणींदुर्गसं सारसागरस्य कुलोद्भवाम् ॥
- दुर्गा सप्तशती


पत्नी मनोरमा देवी मंत्र का अर्थ | Patni Manorama Dehi Mantra Meaning

दुर्गा सप्तशती के इस मंत्र के जाप से सुलोचना, सभी गुणों से युक्त,सुन्दर, मनचाही और घर को बसाने वाली पत्नी मिलती है। इस मंत्र का जाप कुंवारे व्यक्ति को ही करना चाहिए।

अर्थ- हे देवी, मुझे मन की इच्छा के अनुसार चलने वाली मनोहर पत्‍‌नी प्रदान करो, जो दुर्गम संसार सागर से तारने वाली तथा उत्तम कुल में उत्पन्न हुई हो। 

शीघ्र विवाह के लिए मंत्र | Mantra for Early Ma


जिन पुरुषों के विवाह में देरी आ रही है, उन्हें इस मंत्र का जाप करना चाहिए. यह मंत्र दुर्गा सप्तशती का है. स्नान के बाद पुरुषों को 11 बार इस मंत्र का जाप करना चाहिए. इससे उनकी जल्द विवाह की कामना पूरी होगी.

''ॐ गं गणपतै नमः''

हर बुधवार के दिन पीतल से बनी गणेश जी की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान करवाकर पंचोपचार विधि से पूजन करना चाहिए. इसके बाद 21 बार इस मंत्र का जाप करें. मंत्र जाप के बाद इस पंचामृत को पीपल के पेड़ में चढ़ाएं. इससे जल्द विवाह तय होने के योग बनते हैं.

''ॐ सृष्टिकर्ता मम विवाह कुरु कुरु स्वाहा''

इस मंत्र का जाप हर मंगलवार के दिन करना चाहिए. लक्ष्मी-नारायण की प्रतिमा को घर में स्थापित करें. पंचोपचार विधि से पूजन के बाद इस मंत्र का 21 बार जाप करें.

कन्याओं के लिए शीघ्र विवाह का मंत्र

''ॐ श्रीं वर प्रदाय श्री नामः''

इस मंत्र का जाप हर सोमवार के दिन करना चाहिए. सोमवार के दिन शिव मंदिर में पांच नारियल चढ़ाने के बाद 5 बार माला फेर कर इस मंत्र का जाप करें. यह मंत्र विशेष रूप से कन्याओं के लिए है.

''क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा''

 इस मंत्र का 108 बार जाप करने से अविवाहित कन्याओं का विवाह जल्द संपन्न हो जाता है. इस मंत्र के जाप से भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

''ॐ ग्रां ग्रीं ग्रों स: गुरूवे नम:''

इस मंत्र का जाप हर गुरुवार के दिन करना चाहिए. इस मंत्र को उच्चारित करते हुए पांच बार माला फेरनी चाहिए. इससे अविवाहित जातकों का विवाह शीघ्र होता है

मनपसंद पत्नी प्राप्ति के उपाय


 

 ये विभिन्न पौराणिक और धार्मिक प्रक्रियाएँ और उपाय हैं, जिनका अनुसरण करके कुछ लोग अपने जीवन में अच्छी पत्नी की प्राप्ति करने का प्रयास करते हैं। ये प्रक्रियाएँ और उपाय विश्वास पर आधारित होते हैं और धार्मिक समुदायों और परंपराओं में प्रचलित हैं।

1. भगवान शिव के मंदिर में अभिषेक: सोमवार को भगवान शिव के मंदिर जाकर जल और दूध से अभिषेक करने का प्रथम उपाय है, जिससे व्यक्ति शिव के आशीर्वाद को प्राप्त कर सकता है, जो मनपसंद पत्नी की प्राप्ति में मदद कर सकता है।

2. गाय की सेवा और महिलाओं का सम्मान: गाय की सेवा करने और महिलाओं का सम्मान करने का प्रयास भी एक आच्छी और संवादात्मक प्राकृतिक प्रक्रिया हो सकता है, जिससे संबंध और पारिवारिक जीवन में सुख-शांति का अनुभव हो सकता है।

3. सूर्य देवता की उपासना: सूर्य देवता की उपासना करने से भी व्यक्ति आदर्श पत्नी की प्राप्ति के लिए अपनी भाग्य को सुधार सकता है।

यदि कोई व्यक्ति इन प्रक्रियाओं का पालन करना चाहता है, तो वह इन्हें अच्छी तरह से समझने और अपने धार्मिक गुरु या पंडित से सलाह लेने की सलाह देता है। यह धार्मिक अद्यतनों और प्राकृतिक विश्वासों के हिस्से हैं और व्यक्तिगत आस्था और भावनाओं के साथ जुड़े होते हैं।

 

सुंदर पत्नी प्राप्ति मंत्र | Marriage Mantra for Male

ये सभी उपाय और मंत्र विभिन्न धार्मिक परंपराओं और आस्थाओं से संबंधित हैं और व्यक्ति की आस्था और भावनाओं के साथ जुड़े होते हैं। इन उपायों का अनुसरण केवल आध्यात्मिक उन्नति के लिए किया जाता है और यह अधिकांश धार्मिक समुदायों द्वारा स्वीकार किए जाते हैं।

1. सूर्य देव की पूजा: सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति अपने जीवनसंगिनी की प्राप्ति के लिए अपने भाग्य को सुधार सकता है। यह एक पौराणिक प्रक्रिया है और सूर्य देव की उपासना का हिस्सा है।

2. दुर्गासप्तशती मंत्र: दुर्गासप्तशती में दिया गया मंत्र श्री दुर्गा की पूजा के लिए होता है, और इसे नियमित रूप से जप करने से व्यक्ति को श्री दुर्गा की कृपा प्राप्त हो सकती है।

3. गुरू पूजा: गुरू की पूजा और व्रत रखने से व्यक्ति अपने जीवनसंगिनी की प्राप्ति के लिए अपने भाग्य को सुधार सकता है। यह धार्मिक प्रक्रिया गुरु की महत्त्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए की जाती है।

4. सीता, रूक्मिणी और गौरी की पूजा: इन माताओं की पूजा करने से व्यक्ति को योग्य जीवनसंगिनी मिल सकती है, और यह उनके पूर्व कर्मों के अनुसार हो सकता है।

यदि कोई व्यक्ति इन प्रक्रियाओं का अनुसरण करना चाहता है, तो वह इन्हें ध्यानपूर्वक और धार्मिक आदर्शों के साथ करने की सलाह देता है और अपने गुरु या पंडित से सलाह लेता है। ये प्राकृतिक और आध्यात्मिक उपाय हैं और व्यक्तिगत आस्था और भावनाओं के साथ जुड़े होते हैं।

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