Beeja Mantra List | बीज मंत्र :अर्थ,फायदे,उच्चारण, प्रकार

 Beej Mantra List | बीज मंत्र लिस्ट

 

  • बीज मंत्र का अर्थ क्या होता है | बीज मंत्र क्या है
    'बीज मंत्र' किसी भी मंत्र का वह छोटा रूप है, आजकल के ज़माने में समाय कम होने के कारण बीज मंत्र याद करने अव बोलने मे आसान लगते हैं .  बीज मंत्र मंत्रों के प्राण हैं या उनकी चाबी हैं जिनको हम आसानी से याद करके बोल सकते हैं.

  •  बीज मंत्र का जाप करने से क्या होता है | Beej Mantra benefits
    बीज मंत्रों के मनन करने से  देवी-देवता जल्दी  प्रसन्न होते है अव अपने भक्तो का उद्धार करते है। बीज मंत्रों का जपने से आपके वातावरण में सकारात्मक उर्जा का संचार बढता है तथा नकरात्मक उर्जा ख़तम होता है। श्री गणेश भगवान का बीज मंत्र 'गं' है। इस बीज मंत्र के नियमित जप से दिमाग तेज होता है तथा  घर में धन संपदा की वृद्धि होती है।

  • बीज मंत्र कैसे बोले | बीज मंत्र उच्चारण
    बीज मंत्र का जाप शांत मन से होना जरूरी है,शांत मन से  केंद्रित करके तक सुखदायक स्वर के साथ लगातार "" मंत्र का जाप करने से प्राप्त किया जा सकता है। इसके बाद विशेष बीज मंत्र का जाप शुरू करना चाहिए।

  • बीज मंत्र कितने प्रकार के होते हैं?
    ज्योतिष आचार्यों के अनुसार मूल बीज मंत्र "ॐ" होता है जिसे आगे कई अलग बीज मंत्र  में बांटा जाता है-
    शांति बीज, रक्षा बीज।योग बीज, तेजो बीज,  ये सब बीज मंत्र  इस प्रकार जपे जाते हैं- ॐ, क्रीं, श्रीं, ह्रौं, ह्रीं, ऐं, गं, फ्रौं, दं, भ्रं, धूं,हलीं, त्रीं,क्ष्रौं, धं,हं,रां, यं, क्षं, तं।माना जाता है बीज मंत्र हर प्रकार की भय, चिंता बीमारी, और हर तरह की मोह-माया से छुटकारा दिलाते हैं। इन अदभुत मंत्रों का जाप करने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं जैसे- धन, परिवार का सुख,दीर्घायु, शत्रु का नाश तथा व्यक्ति जीवन में शांति का अहसास होने लगता है।

  • बीज मंत्र की शक्ति क्या है?
    सभी बीजों का उत्पति ॐकार से ही हुआ है। ॐकार ही जगत का मूल बिंदु है। बीज मंत्र ऐसी शक्ति है, जिससे मनुष्य स्वयं को ईश्वर के करीब  पाता है।

  • मंत्र और बीज मंत्र में क्या अंतर है?
    मंत्र और स्त्रोत में अंतर है की स्त्रोत को गाया जाता है जबकि मन्त्र को एक पूर्व निर्धारित लय में जपा जाता है। देवी देवताओं के मूल मंत्र को बीज मन्त्र कहते हैं। सभी देवी देवताओं के बीज मन्त्र हैं। समस्त वैदिक मन्त्रों का सार बीज मन्त्रों को माना गया है।


सभी ग्रहों के बीज मंत्र|नौ ग्रहों के बीज मंत्र

 कुंडली में ग्रहों को बलवान करे बीज मंत्रो से

  1. सूर्य का बीज मंत्र  | Surya Beej Mantra
    ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।

    विधि - मंत्र को प्रात: काल में 108 बार जपें।


  2. चंद्रमा का बीज मंत्र | Chandra Beej Mantra
    ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः।
    विधि - मंत्र सायं काल में 108 बार जपें।


  3. मंगल का बीज मंत्र| Mangal Beej Mantra
    ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।
    विधि - मंत्र का प्रातः 108 बार जाप करें।


  4. बुध का बीज मंत्र| Budh Beej Mantra
    ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः
    विधि - मंत्र का 108 बार जाप करें।


  5. बृहस्पति का बीज मंत्र| Brihaspati Beej Mantra
    ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।
    विधि - नित्य संध्याकाल में 108 बार जपें।


  6. शुक्र बीज मंत्र| Shukra Beej Mantra
    ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः।
    विधि - सूर्योदय के समय मंत्र 108 बार जपें।


  7. शनि बीज मंत्र| Shani Beej Mantra
    ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
    विधि - संध्याकाल में मंत्र को 108 बार जपें।


  8. राहु का बीज मंत्र| Rahu Beej Mantra
    ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।
    विधि - मंत्र का नित्य रात्रि के समय 108 बार जाप करें।


  9. केतु का बीज मंत्र| Ketu Beej Mantra
    ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः।
    विधि - मंत्र का रात्रि के समय 108 बार जाप करें।


FAQ

  1. भगवान का बीज मंत्र क्या है?.
    भगवान शिव का बीज मंत्र "ह्रौं" है।

    भगवान शिव के इस बीज मंत्र के जप से भोलेनाथ अतिशीघ्र प्रसन्न होते है। इस बीज मंत्र के प्रभाव से अकाल मृत्यु से रक्षा होती है व रोग आदि से छुटकारा मिलता है।


  2. स्त्रीं बीज मंत्र किसका है?
    स्त्रीं बीज मंत्र
    माँ तारा का बीज मंत्र है :“स्त्रीं” (स, त, र, ई, बिंदु) स-दुर्गा, त- तारण, र- मुक्ति, ई- महामाया, बिंदु- दुःखहरण.

  3. बीज मंत्र का पहला अक्षर क्या है?
     अ और उ के साथ अनुस्वार प्रथम बीज मन्त्र ॐ बन जाता है. इसी तरह देवनागरी लिपि के प्रत्येक अक्षर पर अनुस्वार लगा कर बीज मन्त्र बन सकता है. इसके अलावा देवों के नाम के प्रथम अक्षर से बीज मन्त्र बनता है. जैसे गं - गणेशजी , हं - हनुमान जी , दुं - दुर्गा देवी आदि .


  4. दुर्गा बीज मंत्र कौन सा है?
    मां कूष्मांडा बीज मंत्र: ऐं ह्री देव्यै नम:।
    या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

  5. गुरु का बीज मंत्र क्या है?
    गुरु का वैदिक मंत्र:
    अविवाहितों को "ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः!" मंत्र का जरूर जाप करना चाहिए।

  6. कामदेव का बीज मंत्र क्या है?
    कामदेव शाबर मंत्र
    'ऊँ नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो भवामि यस्य यस्य मम मुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहा।

  7. हृदय चक्र का मंत्र क्या है?
    अनाहत चक्र का मंत्र ' यम ' है। इसका अर्थ है जाने देना, मुक्त करना, देना।


  8. गणेश जी का बीज मंत्र क्या है?
    ओम गं गणपतये नमः

    भगवान श्री गणेश के बीज मंत्र 'गं' का जाप कर आप अपनी सभी इछाओ को प्राप्त कर सकते हैं। बीज मंत्र से मिलकर बने मंत्र 'ओम गं गणपतये नमः' का जप करने से सभी
    इछाओ की पूर्ति होती है और आर्थिक प्रगति तथा समृद्धि भी प्राप्त होगी।

  9. शुक्र बीज मंत्र के क्या फायदे हैं?
    शुक्र या शुक्र दैत्यों के गुरु हैं। शुक्र लाभकारी ग्रहों में से एक है जो भक्तो को
    आत्मविश्वास, धन, विलासिता, आराम, साहस, खुशी और एक अत्यधिक शंतिपुरण वैवाहिक जीवन का आशीष दे सकता है।



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