रोग नाशक मंत्र ।Rog Nashak Mantra। Mantra for Good Health । Rog Nashak Mantra

Mantra for Good Health । रोग नाशक मंत्र Rog Nashak Mantra 

 


1.दुर्गा सप्तशती रोग नाशक मंत्र
श्री मार्कंडेय पुराण में बताया गया है रोगनाशक मंत्र, जप करने वाले को छू नहीं पाते रोग

श्री मार्कण्डेय पुराण में श्री दुर्गासप्तशती में किसी भी बीमारी या महामारी का उपाय देवी के स्तुति या मंत्र द्वारा बताया गया है सबसे पहले रोग नाशक मंत्र बताते हैं।

रोग नाशक मंत्र रोगानशेषानपहंसि

रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।

त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति॥


2.अब अगला मंत्र है महामारी के नाश के लिए।

ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।।

3.शिवजी का रोग नाशक मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌।

उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌॥

नियमित तौर पर इन मंत्रों का जाप करना बहुत ही लाभदायी होता है ये तो पुराणों में बताए गए वो मंत्र हुए जिन्हें जपने से हर रोग आपसे दूर भागेगा।


ॐ नम: शिवाय शंभवे कर्केशाय नमो नम:।
मस्तिष्क रोग नाशक मंत्र

ॐ उमा देवीभ्यां नम:।
आंखों के रोग नाशक मंत्र
ॐ शंखिनीभ्यां नम:।
 
हृदय रोग नाशक मंत्र
 
ॐ नम: शिवाय संभवे व्योमेशाय नम:।
स्नायु रोग नाशक मंत्र
ॐ धं धर्नुधारिभ्यां नम:।
 
कान संबंधी रोग नाशक मंत्र
ॐ व्हां द्वार वासिनीभ्यां नम:।
 
कफ संबंधी रोग नाशक मंत्र
ॐ पद्मावतीभ्यां नम:।
 
श्वास रोग नाशक मंत्र
ॐ नम: शिवाय संभवे श्वासेशाय नमो नम:।
 
पक्षाघात रोग नाशक मंत्र
ॐ नम: शिवाय शंभवे खगेशाय नमो नम:।
 
पेट-दर्द, जलोदर, कब्ज, अम्लपित्त आदि रोग नाशक मंत्र
‘ॐ शूं शूल धरिणीभ्यां नमः’
‘ॐ चिं चित्राघण्टाभ्यां नमः’

 





एक टिप्पणी भेजें (0)