सभी ग्रहों का एक मंत्र ।One Mantra for all Planet । नवरग्रह मंत्र
सभी नौ ग्रहों का एक मंत्र
नौ ग्रहों की पूजा के लिए उपयोग किया जाता है। यदि इस मंत्र का रोज विधि-विधान से जाप किया जाए तो सभी ग्रहों का बुरा प्रभाव समाप्त हो जाता है और शुभ फल प्राप्त होते हैं।इस नवग्रह मंत्र का हर रोज 108 बार लगातार 40 दिनों तक करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है और जपकर्ता की सभी कामनाएं पूरी कर देता है।
नवग्रह मंत्र । Navgrah Mantra
ऊं ब्रह्मामुरारि त्रिपुरान्तकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुध च।
गुरू च शुक्र: शनि राहु केतव: सर्वेग्रहा: शान्ति करा: भवन्तु।।
Navgrah Mantra । जाप विधि
1. रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहनकर नव ग्रहों की पूजा करें।
2. इसके बाद नवग्रह की मूर्ति या चित्र के सामने आसन लगाकर रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का पांच माला जाप करें।
3. आसन कुश का हो तो अच्छा रहता है।
4. एक ही समय पर, एक ही आसन पर बैठकर और एक ही माला से ये मंत्र जाप किया जाए तो जल्दी ही इसके शुभ फल मिल सकते हैं।
Navgrah Mantra । नवरग्रह मंत्र का जप का विधि-विधान
1- ग्रहों में प्रथम विश्व की रक्षा करने वाले भगवान सूर्य मेरी पीड़ा का हरण करें।
2- अमृतमय स्वरूप वाले, अमतरूपी शरीर वाले तथा अमृत का पान कराने वाले चंद्रदेव मेरी पीड़ा को दूर करें।
3- जगत् को भय प्रदान करने वाले, वृष्टि करने वाले तथा वृष्टि का हरण करने वाले मंगल मेरी पीड़ा का हरण करें।4- महान द्युति से संपन्न, चन्द्रमा के पुत्र बुध मेरी पीड़ा का निवारण करें।
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5- सर्वदा लोक कल्याण में निरत रहने वाले, देवताओं के गुरू बृहस्पति मेरी पीड़ा को दूर करें।
6- दैत्यों के गुरू महान् बुद्धि संपन्न शुक्र मेरी पीड़ा को दूर करें।
7- सूर्य विशाल नेत्रों वाले, भगवान् शिव के प्रिय प्रसन्नात्मा शनि देव मेरी पीड़ा को दूर करें।
8- विविध रूप तथा वर्ण वाले, हजारों आंखों वाले, तमोमय राहु मेरी पीड़ा का हरण करें।
9- नाड़ी से संपन्न, विशाल मुख और बिना शरीर वाले केतु मेरी पीड़ा का हरण करें।