Ganesh Ji Bhajan । गणेश जी भजन

 Ganesh Ji Bhajan  । गणेश जी भजन । गणेश जी भजन Lyrics



गजानना श्री गणराया


गजानना श्री गणराया, आधी वंदू तुज मोरया

 मंगलमूर्ती श्री गणराया, आधी वंदू तुज मोरया ॥धृ॥ 

सिंदूर चर्चित धवळी अंग, चंदन उटी खुलवी रंग 

बघता मानस होते दंग, जीव जडला चरणी तुझिया, आधी ॥१॥

गौरी तनया भालचंद्रा, देवा कृपेच्या तू समुद्रा

 वरदविनायक करूणागारा, अवघी विघ्ने नेसी विलया, आधि ॥ २ ॥


गाइए गणपति जगवंदन


गाइए गणपति जगवंदन, शंकरसुवन भवानीनन्दन 

सिद्धीसदन गजवदन विनायक, कृपासिंधु सुन्दर सब दायक 

मोदकप्रिय मुद मंगलदाता, विद्यावारिधि बुद्धिविधाता

मांगत योगिजन करजोरे, बसहिं श्रीमाताजी मानस मोरे


गणपति आयो रे

गणपति आयो रे, लाल घर गणपति आयो रे 

भोला गये कैलाश, गौरा अशनान रचायो रे 

चन्दन चौकी ढाय गौरा ने मरदन कीन्हा 

तन का चैतन्य समेट बना इक पुतला दीन्हा 

सुन्दर बालक दिव्य शक्ति से, जीवित कीन्हा गौरा माँ 

वही गणेश कहाएँ, लाल घर गणपति.... 

किस लाडली ने तुझे जन्म दियो है

किसने दियो उपदेश, लाल घर गणपति...


माता गौरा ने मुझे जन्म दिया है। 

भोला ने दियो उपदेश, लाल घर गणपति,


गौरा माँ के तुम हो दुलारे, निर्मल माँ के बेटे प्यारे

 काट दो सारे क्लेश, लाल घर गणपति....





जय गणपति वन्दन गणनायक

जय गणपति वन्दन गणनायक 

तेरी छवि अति सुन्दर सुखदायक

जय गणपति...

तू चार भुजाधारी, मस्तक सिन्दूरी रूप निराला 

 है मूषक वाहन तेरो, तू ही जग का रखवाला 

तेरी सुन्दर मूरत मन में,

तू बालक सिद्धि विनायक - जय गणपति...

 मन मन्दिर का अँधियारा, तेरे नाम से हो उजियारा (२)

तेने नाम की ज्योति जली तो, मन में बहती सुखधारा (२)

तेरो सुमिरन हर पूजन में, 

सबसे पहले फलदायक, जय गणपति...


तेरे नाम को जिसने ध्याया

उस पर रहती सुखछाया

मेरे रोम रोम अंतर में

इक तेरा रूप समाया तेरी महिमा तू ही जाने,

शिव-पार्वती के बालक - जय गणपति...


जय गणेश गणनाथ


जय गणेश गणनाथ दयानिधि, चरण शरण हम लागे तिहारे ।

 विघ्नेश्वर हे नाथ कृपानिधि, सकल विघ्न करो दूर हमारे ।

जय गणेश.....

जो भी ध्यावे नाम तिहारा, उसका तुमने भाग्य संवारा ।

मंगलकारी नाथ कलानिधि, भाव भक्ति से तुमको पुकारें ।

जय गणेश...


करूणामय गजवदन विनायक, परमानंद परम सुखदायक 

हे सिद्धेश्वर हे विद्या निधि, हर मुश्किल से तू ही उबारे ।। 

जय गणेश.....

ऋषि मुनि योगी बस आराधें, नाम तिहारा जो भी साधें । 

हे शिवनन्दन देव सुधानिधि, शरणागत के काज संवारे ।

 जय गणेश.....



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