ब्रह्म मुहूर्त में उठने के फायदे | Brahma Muhurta benefits
ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करने से क्या होता है
ब्रह्म मुहूर्त को वेदांत शास्त्रों में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है और इसे अध्यात्मिक और दैहिक लाभ के लिए उपयुक्त माना जाता है। यहां ब्रह्म मुहूर्त के महत्व का रहस्य है:
1. शांति और सुकून:
- ब्रह्म मुहूर्त में प्राकृतिक तत्वों का प्रभाव बहुत अधिक होता है। इस समय में वातावरण शांत होता है, जिससे मानसिक शांति और सुकून मिलता है।
2. मनोबल में वृद्धि | Brahma Muhurta for success
- ब्रह्म मुहूर्त का उपयोग करने से मनोबल में वृद्धि होती है और मानव शरीर की ऊर्जा ताजगी से भरी रहती है।
3. ध्यान और साधना के लिए उपयुक्त:
- ब्रह्म मुहूर्त में मन कम चिंतित रहता है और ध्यान के लिए उपयुक्त होता है। साधक इस समय में अध्यात्मिक साधना करने के लिए शुद्धता और एकाग्रता प्राप्त कर सकता है।
4. स्वास्थ्य के लाभ:
- ब्रह्म मुहूर्त में उठने से शरीर का ताजगी से भरा रहता है और यह स्वास्थ्य के लाभ के लिए उपयुक्त है।
5. कार्यशीलता में सुधार:
- इस समय में मन तेजग्रामी रहता है, जिससे कार्यशीलता में सुधार होता है और कार्यों को सही तरीके से करने में सहारा मिलता है।
6. ग्रहण और योग:
- ब्रह्म मुहूर्त में सूर्योदय के समय विभिन्न ग्रहण और योग भी होते हैं, जो आध्यात्मिक और शारीरिक लाभ के लिए अच्छे होते हैं।
7. शुभ मुहूर्त:
- ब्रह्म मुहूर्त को शुभ मुहूर्त माना जाता है और इस समय का उपयोग विवाह, उपनयन, यज्ञ, और अन्य शुभ कार्यों के लिए भी किया जाता है।
8. प्राकृतिक संरचना:
- ब्रह्म मुहूर्त में प्राकृतिक तत्वों का प्रभाव बहुत अधिक होता है, जिससे सृष्टि की संरचना में सहारा मिलता है।
ब्रह्म मुहूर्त का यह रहस्य है कि यह समय मानव जीवन के सभी पहलुओं को सुधारने और समृद्धि के लिए अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। यह ध्यान, साधना, और स्वास्थ्य के लिए एक अद्वितीय अवसर है जो समृद्धि और सकारात्मक परिणाम ला सकता है।
ब्रह्म मुहूर्त समय | Brahma Muhurta Time
ब्रह्मा मुहूर्त का शाब्दिक अर्थ है, "सृष्टि का समय"! सृष्टि का सृष्टिकर्ता या ब्रह्मा अपरिमित ज्ञान को दर्शाने के लिए पूर्ण ज्ञान है और मुहूर्त अर्थात समय की अवधि है। ब्रह्मा मुहूर्त तीन बजे से पहले सुबह 6 बजे के बीच का समय है।
1 मुहूर्त = 48 मिनट। ब्रह्मा मुहूर्त सूर्योदय से ठीक 2 मुहूर्त पहले शुरू होता है। इसलिए, यह सूर्योदय से 1 घंटा और 36 मिनट पहले शुरू होता है और इससे 48 मिनट पहले समाप्त होता है। हम जानते हैं कि सूर्योदय का समय मौसम और भूगोलीय स्थानों के साथ बदलता है, इसलिए ब्रह्मा मुहूर्त भी इसी के अनुसार बदलता है।
ब्रह्म मुहूर्त का मंत्र | Brahma Muhurta Mantra
ब्रह्म मुहूर्त प्रार्थना
ब्रह्म मुहूर्त में मंत्र जाप
सुबह ब्रह्म मुहूर्त उठते ही सबसे पहले अपनी हथेली को देखें और इस मंत्र का जाप करें -
कराग्रे वसति लक्ष्मीः,कर मध्ये सरस्वती।
करमूले तू ब्रह्मा, प्रभाते कर दर्शनम्।।'
इस मंत्र का अर्थ है कि हथेलियों में मां लक्ष्मी, देवी सरस्वती और भगवान विष्णु का निवास है और में सुबह-सुबह उनके दर्शन कर रहा हूं।
ये है चमत्कारी मंत्र
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत होने के बाद सुखासन में बैठ जाएं। इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करके इस मंत्र का जाप करें -
ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु॥
इस मंत्र का जाप करने से साधक को देवी-देवताओं कीक कृपा प्राप्त होती है। साथ ही सभी प्रकार की नकारात्मकता का विनाश होता है।
ब्रह्म मुहूर्त में पूजा कैसे करें
ब्रह्म मुहूर्त के समय, अपने घर की सफाई करने के बाद एक ताजगी भरे स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। इसके बाद, पूरे मन से देवता की विधिवत पूजा करें। दरिद्रता को कम करने के लिए, माता लक्ष्मी और श्री हरि विष्णु की योग्य पूजा करें। भगवान विष्णु को पीले रंग के फूलों से आराधित करें और माता लक्ष्मी को भक्ति के प्रतीक के रूप में कमल के फूल समर्पित करें।
ब्रह्म मुहूर्त में क्या नहीं करना चाहिए
ब्रह्म मुहूर्त में ये कार्य नहीं करना चाहिए:
1. भोजन करने से बचें:
ब्रह्म मुहूर्त में भोजन करने से बचना चाहिए। कुछ लोग सुबह उठते ही नाश्ता करने लगते हैं, लेकिन ऐसा करने से सेहत पर असर पड़ सकता है और कई रोग का कारण बन सकता है।
2. नकारात्मक सोचने से बचें:
ब्रह्म मुहूर्त में नकारात्मक सोचना चाहिए से बचना चाहिए। इस समय में व्यक्ति को नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि यह उसके दिन को तनावमय बना सकता है।
3. प्रणय संबंध नहीं बनाएं:
ब्रह्म मुहूर्त में प्रणय संबंध नहीं बनाएं चाहिए। इस समय को पवित्र माना जाता है और इसमें भगवान की पूजा करने का उपयुक्त समय है। प्रणय संबंध बनाने से इसका नाश हो सकता है।
ब्रह्म मुहूर्त का समय
ब्रह्म मुहूर्त सुबह में बदलता रहता है . इसका समय सूर्योदय से पहले का होता है। इसका समय दिन की विभिन्न अवस्थाओं और स्थानों के अनुसार बदल सकता है, लेकिन सामान्यत: ब्रह्म मुहूर्त का समय लगभग एक घंटे के आस-पास होता है, जो सूर्योदय से पहले की अंतिम घड़ी तक होता है। यह समय सुबह 4:00 बजे से लेकर 6:00 बजे तक का हो सकता है, लेकिन यह बदल सकता है और विभिन्न ग्रंथों और परंपराओं में भी अलग-अलग तरीके से परिभाषित किया जा सकता है।
ब्रह्म मुहूर्त ध्यान| Brahma Muhurta meditation
ब्रह्म मुहूर्त में ध्यान
यह समय सुबह के पहले तीन घंटों का है, यानी सूर्योदय से पहले का समय। इस समय में ध्यान करने से आत्मा को शांति, सुख, और आत्मा का साक्षात्कार होता है। यहां ब्रह्म मुहूर्त में ध्यान करने का कुछ विधिवत तरीके हैं:
1. स्थिर आसन:
एक स्थिर आसन में बैठें, जैसे कि पद्मासन या सुखासन, ताकि ध्यान करने में आपको अधिक सुविधा हो।
2. शुद्ध वातावरण:
ध्यान करने के लिए एक शांत और शुद्ध वातावरण चयन करें।
3. आलस्य का त्याग:
ब्रह्म मुहूर्त में आलस्य को त्यागें और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाएं।
4. प्राणायाम:
शांति और संयम के लिए प्राणायाम का अभ्यास करें।
5. मंत्र जाप:
ध्यान के दौरान मंत्र जाप करने से मानसिक शांति मिलती है।
6. ध्यान का प्रक्रिया:
ध्यान का प्रक्रिया को सीधे, नियमित रूप से
8. शांति भाव:
ध्यान के दौरान अपने मन को शांति भाव में रखें। चिंता, आलस्य, और अफसोस को त्यागें और मन को एक ऊँचाई पर ले जाएं।
9. प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद:
ध्यान के दौरान अपने आसपास के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लें। यह मन को शांत करने और ध्यान को मजबूत करने में मदद कर सकता है।
10. ध्यान की सामर्थ्य:
शुरूवात में कुछ ही मिनटों के ध्यान से धीरे-धीरे समय बढ़ाएं। आपकी ध्यान की सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए नियमित अभ्यास करें।
11. आत्मा के साथ समर्थन:
ध्यान का उद्दीपन आत्मा में करें और आत्मा के साथ संबंध स्थापित करें। इससे आत्मा का साक्षात्कार हो सकता है।
12. ध्यान से उठना:
ध्यान के समापन के बाद धीरे-धीरे उठें और अपने ध्यान के अनुभव को अपने साथ लेकर दिनचर्या में जाएं।
ध्यान का यह प्रक्रिया आपको शांति, स्वस्थ मानसिक स्थिति, और आत्मा के साथ मिलने वाले संबंध का आनंद देने में सहायक हो सकती है। ब्रह्म मुहूर्त में ध्यान करना व्यक्ति को जीवन के महत्वपूर्ण मोमेंट्स की सार्थकता से जोड़कर उसकी सार्थक ऊर्जा को बढ़ा सकता है।