तुलसी पूजन दिवस 2023 | Tulasi Pujan 2023

 तुलसी पूजन दिवस 2023 |Tulasi  Pujan 2023


तुलसी पूजन कब है |तुलसी पूजा 2023

इस साल तुलसी पूजन दिवस 25 दिसंबर को मनाया जाएगा। मान्यता है कि तुलसी पूजा से धन, समृद्धि, सुख और शांति का वरदान मिलता है। 


 पूजा में तुलसी

तुलसी की पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करना चाहिए। 

 

मंत्र- महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

Meaning of Tulsi Mantra :(मंत्र: हे महान कृपा की माँ, सभी अच्छे भाग्य को बढ़ाने वाली, हमेशा परेशानी और रोग को दूर करने वाली, मैं आपको नमन करता हूं, तुलसी।)

मान्यता है कि इस मंत्र का जाप यदि तुलसी पूजन के दौरान किया जाए तो कुछ ही दिनों में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने लगते हैं और आपकी हर परेशानी दूर होती है और मां लक्ष्मी आपके घर में वास करती हैं। आपके घर से दुख-दरिद्रता दूर होती है।


 तुलसी स्तुति मंत्र 


देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः,

नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।


( Meaning In Hindi देवी, आप अतीत में ऋषियों द्वारा बनाए और पूजे गए थे, हे तुलसी, प्रिय हरि, मेरे पापों को दूर करो।


 तुलसी पूजन मंत्र  | Tulasi  Pujan Mantra


तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

(तुलसी भाग्य की देवी, भाग्य की महान देवी, ज्ञान की शानदार देवी हैं।
वह धर्मी है और उसका चेहरा धर्मी है और देवी-देवताओं के मन को प्रिय है
वह परम भक्ति को प्राप्त करता है और अंत में विष्णु के धाम को प्राप्त करता है।
तुलसी भूरमहालक्ष्मी पद्मिनी श्री हरप्रिया।

तुलसी ध्यान मंत्र | Tulsi Dhyan Mantra


तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

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तुलसी की पूजा करने के फायदे

तुलसी (ओसिमुम सैंक्टम) को हिन्दू धर्म में पवित्र पौधा माना जाता है, और इसे धार्मिक और आयुर्वेदिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। तुलसी की पूजा करने के कई फायदे हैं, जिनमें शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को सुधारने के लाभ शामिल हैं:

1. धार्मिक आदर्शों में समृद्धि: तुलसी की पूजा से व्यक्ति अपने आध्यात्मिक जीवन में समृद्धि की की ओर बढ़ सकता है। इससे भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि होती है.

2. शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार: तुलसी में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो रोगों से बचाव में मदद कर सकते हैं। तुलसी का सेवन कई सारे रोगों के लिए सुरक्षा प्रदान कर सकता है।

3. स्त्रीरोग निवारण: तुलसी को स्त्रीरोग के इलाज में उपयोगी माना जाता है, जैसे कि लैकोरिया और अन्य महिलाओं की स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याएं।

4. प्राकृतिक रक्षा: तुलसी में रहित रखने के कारण घर को अदृश्य रूप से रक्षित करने का कारण बन सकती है, और इसे "धनिया" कहा जाता है, जिसे असरकारी माना जाता है।

5. वायुरोग निवारण: तुलसी का सेवन वायुरोगों को दूर करने में मदद कर सकता है, जैसे कि जुकाम, खांसी, और ठंडी में आराम करने में सहायक हो सकता है।

6. ध्यान और मेडिटेशन की मदद: तुलसी का सेवन ध्यान और मेडिटेशन में भी मदद कर सकता है, क्योंकि इसका अरोमा मानसिक स्थिति को शांति और स्थिरता में बदल सकता है।

7. प्रणायाम में सहायक: तुलसी का सुगंध श्वास को धीरे-धीरे लेने और छोड़ने में मदद कर सकता है, जिससे प्रणायाम और ध्यान की अभ्यास में सुधार हो सकती है।

8. तनाव कमी और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार: तुलसी का सेवन मानसिक तनाव को कम करने में मदद कर सकता है और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक हो सकता है।


तुलसी की पूजा और इसका सेवन सबही धर्मिक और आयुर्वेदिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हो सकता है, लेकिन इससे पहले किसी


तुलसी पूजा विधि | Tulasi  Pujan vidhi

तुलसी पूजा एक हिन्दू धार्मिक परंपरागत आदत है जिसमें तुलसी का पौधा पूजा जाता है। तुलसी पूजा का महत्व हिन्दू धर्म में बहुत उच्च माना जाता है और इसे विभिन्न रूपों में किया जा सकता है, जैसे कि तुलसी की माला का धारण और तुलसी पूजा का अभ्यास। यहां तुलसी पूजा की सामान्य विधि दी गई है:

 तुलसी पूजा की सामान्य विधि:

1. तुलसी का पौधा चयन:

   - तुलसी पूजा के लिए पौधा विशेष रूप से "राम तुलसी" या "श्री तुलसी" कहलाता है। यह पौधा सुबह नहीं, बल्कि शाम को ही चयन किया जाता है।

2. पूजा के लिए स्थान तैयार करें:

   - तुलसी पौधे के स्थान को साफ़ और सुरक्षित रखें। इसके लिए एक छोटा सा आसन बिछा सकते हैं।

3. सामग्री तैयारी:

   - पूजा के लिए सामग्री में जल, दीपक, दूप, रोली, चावल, सिंदूर, गुड़, बत्ती, फूल, मिठाई आदि शामिल हो सकती है।

4. पूजा की शुरुआत:

   - शुभ मुहूर्त में, तुलसी पौधे की पूजा शुरू करें। इसके लिए तुलसी पौधे के सामने बैठें और मां तुलसी को पूजन स्वरूप में मानकर आराधना करें।

5. पूजा विधि:

   - तुलसी पौधे को जल से स्नान कराएं।

   - चावल, रोली, सिंदूर, गुड़, फूल, दीपक, दूप, और मिठाई के साथ मां तुलसी की पूजा करें।

   - दीपक को जलाएं और मंत्रों के साथ आरती करें।

   - तुलसी पौधे के आस-पास प्रदक्षिणा करें।

6. प्रदक्षिणा:

   - तुलसी पौधे के चारों ओर प्रदक्षिणा करना धार्मिक परंपरा में महत्वपूर्ण है।

7. प्रार्थना और आशीर्वाद:

   - अंत में, मां तुलसी से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करें और आरती दें।

8. प्रशाद वितरण:

   - पूजा के बाद प्रशाद को मिठाई या फल के रूप में प्रशादित करें और उसे आप और आपके परिवार के सदस्यों को बाँटें।

ध्यान रखें:

- तुलसी पूजा का विधान विभिन्न स्थानों और समुदायों में थोड़ी भिन्न हो सकता है, इसलिए स्थानीय परंपराओं का आदर करें।

- धार्मिक और आध्य


तुलसी की पूजा किस दिन नहीं करनी चाहिए


 रविवार और एकादशी को तुलसी पौधे में जल चढ़ाने का कार्य नहीं करना चाहिए, क्योंकि इन दिनों तुलसी माता को प्रभु विष्णु की पत्नी माना जाता है और उनके लिए व्रत रखा जाता है। इसलिए, इन दिनों तुलसी को भगवान विष्णु की पत्नी के रूप में पूजा जाता है और उसे छुआ  नहीं  जाती है।

धार्मिक दृष्टि से, इन विशेष दिनों पर तुलसी के पौधे को छूना और उसमें किसी भी प्रकार का तोडना  नहीं चाहिए। 

तुलसी पूजा दिवसों पर इसका समर्पण करना और इसकी विशेषता को मान्यता देना हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण परंपरा है, और इसे सावधानीपूर्वक और आदरपूर्वक किया जाना चाहिए।


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