गायत्री मंत्र के 13 गुप्त उपाय | Gayatri Mantra Upaya

 गायत्री मंत्र के 13 गुप्त उपाय  | Gayatri Mantra Upaya


 गायत्री मंत्र के 13 गुप्त उपाय हिंदी में 

1. ग्रह शांति में शमी वृक्ष की लकड़ी के छोटे-छोटे टुकड़े कर गूलर, पाकर, पीपल और बरगद के साथ गायत्री मंत्र की 108 आहुतियां देने से शांति मिलती है।  

 2. बेत की लकड़ी से गायत्री मंत्र का हवन करने से विद्युत पात और राष्ट्र विप्लव की बाधाएं दूर होती है। 

3. बिल्व पुष्प, फल, घी खीर की हवन सामग्री बनाकर बेल के छोटे-छोटे टुकड़े कर बिल्व की लकड़ी से हवन करने पर भी लक्ष्मी प्राप्ति होती है। 

 4. लाल कमल या चमेली के फूल एवं शाली चावल से गायत्री मंत्र का हवन करने से लक्ष्मी प्राप्ति होती है। 

 5. गायत्री मंत्र जपते हुए फूलों का हवन करने से सर्व सुख समृद्धि प्राप्त होती है। 

 6. शंख पुष्पी के पुष्पों से गायत्री मंत्र का हवन करने से कुष्ठ रोगो का निवारण होता है।

 7. आम के पत्तों को गाय के दूध में डुबोकर हवन करने से सभी प्रकार के ज्वर रोग में लाभ होता है। 

 8. शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे गायत्री मंत्र जप करने से सभी प्रकार की ग्रह बाधा से रक्षा होती है। 

 9. महान प्राण संकट में नदी के पानी में कंठ तक खड़े होकर नित्य 108 बार गायत्री मंत्र जपने से प्राण रक्षा होती है।   

10. दुःखी होकर आर्त भाव से मंत्र जप कर कुशा पर फूंक मारकर शरीर का स्पर्श करने पर, सभी प्रकार के रोग व भूत भय नष्ट हो जाते हैं। 

 11. गायत्री मंत्र का 108 बार जाप कर केवल जल का फूंक लगाने पर भी भूतबाधा, नजर आदि दोष दूर होता हैं। 

 12. कुछ दिन नित्य 108 बार गायत्री मंत्र जपने के बाद जिस तरफ मिट्टी का ढेला फेका जायेगा, उस तरफ से शत्रु वायु अग्नि दोष दूर हो जाएगा। 

13. गुरुचि के पोधे की छोटे-छोटे टुकड़े कर गाय के दूध में डुबोकर नित्य 108 बार गायत्री मंत्र पढ़कर हवन करने से मृत्यु योग का निवारण होता है। 

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