Shiv Mantra in Sanskrit | शिव मंत्र संस्कृत
यहां एक शिव मंत्रों की सूची है जो शिव भक्त अपने भक्तिभाव से जपते हैं:
1. ॐ नमः शिवाय | (Om Namah Shivaya):
- अर्थ: यह एक बहुत ही प्रसिद्ध और प्राचीन शिव मंत्र है, जिसका अर्थ होता है "मैं शिव को नमन करता हूँ।" इससे शिव के प्रति भक्ति और श्रद्धा व्यक्त की जाती है।
2. महामृत्युंजय मंत्र | (Maha Mrityunjaya Mantra):
- अर्थ: यह प्रबल मंत्र जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति के लिए एक प्रार्थना है। इसे माना जाता है कि यह स्वास्थ्य, दीर्घायु, और आध्यात्मिक जागरूकता प्रदान करता है।
- मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
3. शिव ध्यान मंत्र | (Shiva Dhyan Mantra):
- अर्थ: इस मंत्र का जप शिव के दिव्य रूप को ध्यान में लेने और आंतरिक शांति और आध्यात्मिक विकास के लिए उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
- मंत्र: करपूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्। सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि।।
4. रुद्राष्टकम्| (Rudrashtakam):
- अर्थ: रुद्राष्टकम एक स्तोत्र है जो शिव की गुणों की स्तुति करता है और उनके भक्तों को प्रदान करने वाले आशीर्वादों का वर्णन करता है।
- मंत्र: नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपम्। निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासम्।।
5. शिवापराधक्षमापण स्तोत्र | (Shiva Aparadha Kshamapana Stotram):
- अर्थ: यह स्तोत्र शिव से किए गए गलतियों, अपराधों या पापों के लिए क्षमा मांगता है, जो जानकारी या अजानकारी में किए गए हो सकते हैं।
- मंत्र: याचितं तव पादपंकजं याचितं भवतु मां व्रजन्तम्। याचितं याचनीय पुत्रहीनं याचितं विधिहीनं यथा त्वया।।
6. शिव ताण्डव स्तोत्र| (Shiva Tandava Stotram):
- अर्थ: इस स्तोत्र को रावण का लिखा गया है और इसमें भगवान शिव के ब्रह्मांडीय नृत्य का वर्णन होता है। यह एक प्राबल और अभिव्यक्तिपूर्ण शिव की प्रार्थना है।
- मंत्र: जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम्।
ये शिव मंत्र भक्तों द्वारा शिव से आशीर्वाद, सुरक्षा और आध्यात्मिक विकास प्राप्त करने के लिए जपे जाते हैं। इन्हें भक्ति और उनके अर्थ को समझकर जपना दिव्य से जुड़ने का एक प्रबल तरीका हो सकता है।
7. शिव पञ्चाक्षर स्तोत्र| (Shiva Panchakshara Stotram):
- अर्थ: इस स्तोत्र का पाठ भगवान शिव की पंचाक्षर मंत्र "ॐ नमः शिवाय" की महत्वपूर्ण स्तुति है।
- मंत्र: ॐ नमः शिवाय।
8. शिव मंत्र | (Shiva Gayatri Mantra):
- अर्थ: यह मंत्र भगवान शिव के ऊपर ध्यान केंद्रित करने और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए जपा जाता है।
- मंत्र: ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
9. शिव अष्टोत्तर शतनामावली (Shiva Ashtottara Shatanamavali):
- अर्थ: इस शतनामावली में भगवान शिव के 108 नामों की स्तुति की गई है, जिससे उनके गुण और महत्व का वर्णन होता है।
- मंत्र: उद्यत्यम यः शिवस्य नामानि पठेच्छृणुयादपि। शिवपुत्रस्य किं पुनर्ब्राह्मणस्य च कीर्तयेत्।।
10. कालभैरवाष्टकम | (Kalabhairava Ashtakam):
- अर्थ: यह अष्टकम भगवान कालभैरव को समर्पित है और उनकी महत्वपूर्ण गुणों की महिमा की स्तुति करता है।
- मंत्र: असिताङ्गमाध्वसिताङ्गगम्याङ्गमैभवम्। कदम्बकेतकवनसपतिपीठसम्मिलिताङ्गम्।
ये मंत्र और स्तोत्र शिव के भक्तों द्वारा उनके आशीर्वाद, सुरक्षा, और आध्यात्मिक विकास के लिए प्रार्थना करने के लिए जपे जाते हैं। शिव के अनेक गुणों और विशेषताओं को समझने और उनके माध्यम से दिव्य से जुड़ने का यह एक प्रबल तरीका हो सकता है।
11. शिव अपराध क्षमापन स्तोत्र| (Shiva Aparadha Kshamapana Stotram):
- अर्थ: इस स्तोत्र का पाठ किए जाने पर भगवान शिव से आपराधों के क्षमा याचना की जाती है और उनकी कृपा की प्राप्ति के लिए प्रार्थना की जाती है।
- मंत्र: याचितं तव पादपङ्कजं याचितं भवतु मां व्रजन्तम्। याचितं याचनीय पुत्रहीनं याचितं विधिहीनं यथा त्वया।।
12. अर्द्धनारीश्वर स्तोत्र | (Ardhanareeshwara Stotram):
- अर्थ: यह स्तोत्र आर्द्धनारीश्वर रूप में भगवान शिव और मां पार्वती की महिमा की स्तुति करता है, जो पुरुष और प्रकृति के संगम का प्रतीक होता है।
- मंत्र: नमः शिवाय सर्वात्मने अर्धधारिणे त्रिलोचनाय जगत्सृजे नमस्तेऽस्तु रुद्ररूपिणे।
13. शिव ताण्डव स्तोत्र | (Shiva Tandava Stotram):
- अर्थ: इस स्तोत्र में रावण द्वारा भगवान शिव के तांडव नृत्य का वर्णन है, जो उनकी महाशक्ति और महिमा की स्तुति करता है।
- मंत्र: जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम्।
14. दक्षिणामूर्ति स्तोत्रम् | (Dakshinamurti Stotram):
- अर्थ: इस स्तोत्र में भगवान शिव को दक्षिणामूर्ति रूप में प्रशंसा और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति की प्रार्थना की जाती है।
- मंत्र: विश्वं दर्पणदृश्यमाननगरीतुल्यं निजान्तर्गतम्।
15. रुद्र प्रश्नः| (Rudra Prashna):
- अर्थ: रुद्र प्रश्नः भगवान रुद्र की महत्वपूर्ण स्तुति ह