पापांकुशा एकादशी कथा | Papankusha Ekadashi Katha
धर्म ग्रंथों में पापांकुशा एकादशी के महत्व की कई कथाएं और पौराणिक गतिविधियां मिलती हैं, जिनमें भगवान श्रीकृष्ण द्वारा युधिष्ठिर को बताई गई कथा एक प्रमुख है. यह कथा बताती है कि पापांकुशा एकादशी का व्रत किस प्रकार से मनाना चाहिए और इसके महत्व को समझाती है.
कथा के अनुसार, युधिष्ठिर धर्मराज भगवान श्रीकृष्ण से पूछते हैं कि कैसे एक मनुष्य अपने पापों से मुक्त हो सकता है और कैसे उसका जीवन सुखमय हो सकता है. श्रीकृष्ण उनसे पापांकुशा एकादशी के महत्व के बारे में बताते हैं.
इस कथा के अनुसार, श्रीकृष्ण कहते हैं कि पापांकुशा एकादशी व्रत का पालन करने से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश होता है, और वह भगवान विष्णु की आराधना करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करता है. इसके परिणामस्वरूप, व्यक्ति को यमलोक के दु:ख से मुक्ति मिलती है और वह स्वर्गलोक में जाता है.
पापांकुशा एकादशी का महत्व यह है कि इसे पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाने से व्यक्ति के पाप हो जाते हैं और वह भगवान के प्रति पवित्र भावना रखता है। इसके अलावा, यह व्रत धर्मिक और सात्विक जीवन जीने के लिए एक अच्छा माध्यम होता है और व्यक्ति को मानसिक शांति प्राप्त होती है.
इसलिए, पापांकुशा एकादशी का व्रत पूर्ण विधि विधान से करने से अनेकों पुण्य की प्राप्ति होती है और पापों से मुक्ति मिलती है।
पापांकुशा एकादशी पूजा महूरत 2023 | Papankusha Ekadashi puja timing
पापांकुशा एकादशी का व्रत हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण होता है और इसे भगवान विष्णु की पूजा के रूप में मनाया जाता है. इस व्रत को अश्विन शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन मनाया जाता है, जो पापांकुशा एकादशी के रूप में जानी जाती है। इस दिन का मुहूर्त निम्नलिखित है:
- पापांकुशा एकादशी तिथि शुरू: 24 अक्टूबर 2023, दोपहर 03:14
- पापांकुशा एकादशी तिथि समाप्त: 25 अक्टूबर 2023, दोपहर 12:32
- पापांकुशा एकादशी व्रत का पारण: 26 अक्टूबर 2023, सुबह 06:28 से सुबह 08:43 तक
पापांकुशा एकादशी व्रत का महत्व है क्योंकि इसके द्वारा व्रती भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और उनके आदर्शों का पालन करते हैं। इस व्रत का पालन करने से पापों का नाश होता है और व्रती को बैकुंठ लोक में स्थान मिलता है। इसके अलावा, इस व्रत का पालन करने से सभी क्लेशों और पापों का शमन होता है और व्रती को बड़े पुण्य का फल मिलता है, जैसे कि 100 राजसूय यज्ञ करने के समान।
यदि आप पापांकुशा एकादशी व्रत का पालन करना चाहते हैं, तो आपको व्रत के मुहूर्त का पालन करना चाहिए, और इसे ध्यानपूर्वक और भक्ति भाव से मनाना चाहिए।