Chandra Gayatri Mantra | चंद्रमा गायत्री मंत्र

  चन्द्र ग्रहण में मंत्र जाप

 

चंद्रमा गायत्री मंत्र – ॐ भूर्भुव: स्व: अमृतांगाय विदमहे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोमो प्रचोदयात्।

 

 चंद्र गायत्री मंत्र जपने का तरीका अगर आप चंद्र गायत्री मंत्र का जाप करना चाहते है तो इस मंत्र के उच्चारण की शुरुआत सोमवार या पूर्णिमा के दिन से करें। सोमवार या पूर्णिमा के दिन जब रात में चाँद निकल जाएं। तब स्नान करके साफ सफेद रंग के कपड़ें पहन लें। उसके बाद एक सफेद रंग के आसान को बिछा लें। सफेद रंग चंद्र भगवान् को पसंद होता है। उसके बाद ऊपर बताए गए मंत्र का जाप 108 बार करें। उसके बाद चन्द्रमा को दूध चढ़ाएं। नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करने से बहुत जल्द लाभ प्राप्त होता है। 

 

 

चन्द्रमा का वैदिक मंत्र -

ॐ इमं देवा असपत्नं ग्वं सुवध्यं।
महते क्षत्राय महते ज्यैश्ठाय महते जानराज्यायेन्दस्येन्द्रियाय इमममुध्य पुत्रममुध्यै
पुत्रमस्यै विश वोsमी राज: सोमोsस्माकं ब्राह्माणाना ग्वं राजा।


चन्द्रमा का नाम मंत्र -

ॐ सों सोमाय नम:।
चंद्रमा गायत्री मंत्र - ॐ भूर्भुव: स्व: अमृतांगाय विदमहे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोमो प्रचोदयात्



चंद्रमा का पौराणिक मंत्र-

दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम। नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।।


चन्द्रमा के तांत्रोक्त मंत्र-

ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।
ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:।
ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम: ।

चन्द्रमा का बीज मंत्र | Chandra Beej Mantra
ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः 

चंद्र मंत्र

राशि अनुसार करें मंत्रों का जप

मेष राशि- चंद्र ग्रहण के दौरान मेष राशि के जातक को हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. इसके साथ ही ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं ॐ स्वाहा:’ मंत्र का 108 बार जपा करना चाहिए.

वृषभ राशि- वृषभ राशि के जातक के लिए चंद्र ग्रहण के दौरान श्री सूक्त का पाठ करना चाहिए. साथ ही ‘ॐ शीतांशु, विभांशु अमृतांशु नम:’ मंत्र के जप करना चाहिए.

मिथुन राशि- इस राशि के जातक चंद्र ग्रहण के दौरान इष्ट देवों का पाठ करना चाहिए. इसके साथ ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः’ मंत्र का जप का जप करना चाहिए.

कर्क राशि- कर्क राशि के जातक को चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान शिव की पूजा आराधना करनी चाहिए. इस अलावा शिव, राहु और चंद्रमा के मंत्रों का जाप करना चाहिए .

सिंह राशि- सिंह राशि के जातकों को चंद्र ग्रहण के दौरान आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. इसके साथ ‘ॐ सूर्याय नमः’ मंत्र का जप करना चाहिए.

कन्या राशि- कन्या राशि के जातकों को चंद्र ग्रहण के दौरान गणेश चालीसा का पाठ करना चाहिए. इसके साथही ‘ॐ शीतांशु, विभांशु अमृतांशु नम:’ मंत्र का जप करना चाहिए.

तुला राशि- तुला राशि के जातकों को चंद्र ग्रहण के दौरान लक्ष्मी स्तोत्र या दुर्गा सप्तशती पाठ करना चाहिए. इसके साथ ही ‘ॐ ऐं क्लीं सौमाय नामाय नम:’ मंत्र का जप करना चाहिए.

वृश्चिक राशि- वृश्चिक राशि के जातकों को चंद्र ग्रहण के दौरान आपको हनुमान चालीसा, सुंदरकांड या बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए. इसके साथ ही ‘ॐ क्राम क्रीम क्रौम सह भौमाय नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए.

धनु राशि- धनु राशि के जातकों को चंद्र ग्रहण के समय विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. इसमें साथ ही ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः’ मंत्र का जप करना चाहिए.

मकर राशि- मकर राशि के जातकों को चंद्र ग्रहण के सम सुंदरकांड या शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए. साथ ही ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का जप करना चाहिए.

कुंभ राशि- कुंभ राशि के जातकों को चंद्र ग्रहण के दौरान शनि चालीसा या कृष्ण चालीसा बजरंग बाण, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. साथ ही ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:’ मंत्र का जप करना चाहिए.

मीन राशि- इस राशि के जातकों को चंद्र ग्रहण के दौरान विष्णु चालीसा या रामायण ग्रंथ का पाठ करना चाहिए. इसके साथ ‘ॐ ह्लीं दुं दुर्गाय: नम:’ मंत्र का जप करना चाहिए.


 

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