दत्तात्रेय मंत्र | Dattatreya Mantra

 दत्तात्रेय मंत्र | Dattatreya Mantra

दत्तात्रेय मंत्र साधना

1. दत्तात्रेय बीज मंत्र  | Dattatreya Beej Mantra
बीज मंत्र -ॐ द्रां।

2- तांत्रोक्त दत्तात्रेय मंत्र

'ॐ द्रांदत्तात्रेयाय नम:'

3.दत्तात्रेय गायत्री मंत्र | Dattatreya Gayatri Mantra

 'ॐ दिगंबराय विद्महेयोगीश्रारय्धीमही तन्नो दत: प्रचोद

4.दत्तात्रेय का महामंत्र | Dattatreya MahaMantra

'दिगंबरा-दिगंबरा श्रीपाद वल्लभ दिगंबरा'

5- दक्षिणामूर्ति बीजम च रामा बीकेन संयुक्तम्।

द्रम इत्यक्षक्षाराम गनम बिंदूनाथाकलातमकम दत्तास्यादि मंत्रस्य दत्रेया स्यादिमाश्रवह तत्रैस्तृप्य सम्यक्त्वंबिन्दुनाद कलात्मिका येतत बीजम्मयापा रोक्तम्ब्रह्म-विष्णु- शिव नामकाम।

6. दत्तात्रेय सिद्धि मंत्र | Dattatreya Siddhi Mantra

गोरी गणेश मंत्र-

'ॐ गं गणपते सर्व कार्य सिद्धये ह्रीं रिद्धि सिद्धि फट्ट..!!"

इसके बाद साधक को चाहिए कि वह साधना के पहले दिन संकल्प अवश्य करें।
हाथ में अक्षत लेकर भगवान दत्तात्रेय का विनियोग के लिए इस मंत्र को बोल कर अक्षत भूमि पर छोड़ दें

'ऊँ अस्य श्री दत्तात्रेय स्तोत्र मंत्रस्य भगवान नारद ऋषिः अनुष्टुप छंदः,श्री दत्त परमात्मा देवताः, श्री दत्त प्रीत्यर्थे जपे विनोयोगः..!!"

भगवान दत्तात्रेय का ध्यान मंत्र बोल कर एक चम्मच जल भूमि पर छोड़े

ध्यान मंत्र -
"जटाधाराम पाण्डुरंग शूलहस्तं कृपानिधिम, सर्व रोग हरं देव, दत्तात्रेयमहं भज..!!''

भगवान दत्तात्रेय के पूर्ण आशीर्वाद के लिए त्रिशक्ति माला को दोनों हाथों में लेकर निम्न मंत्र को 1 बार बोले
ऊँ दिगंबराय विद्य्हे योगीश्रारय् धीमही तन्नो दतः प्रचोदयात !

ऊँ द्रां दत्तात्रेयाय नमः !

भगवान दत्तात्रेय को श्रद्धा से प्रणाम करते हुये गोपनीय दुर्लभ मंत्र दत्त मंत्रो से सिद्ध त्रिशक्ति माला से निम्न मंत्र 11 माला 11 दिन तक जाप करें ,

यह पूर्ण शक्ति पात साधना है,

मंत्र -
'ॐ द्रां द्रां द्रां दत्तात्रेयाय ऐं श्रीं क्रीं फट्ट ..!"

साधना के कुछ नियम गोपनीय रखे हुये है , जिसे साधना सामग्री के साथ भेजा जाएगा !
यह साधना शीघ्र सफलता देने में सहायक है, शीघ्र ही आप की समश्याओ का निदान होने लगता है, आप के रुके हुये कार्य पूर्ण होने लगते है ! जो लोग जमीन खरीदने बेचने का कार्य करते है उनके लिए भी पूर्ण लाभ कारी है, 

7.दत्तात्रेय स्तोत्र | Dattatreya Stotra Mantra

जटाधरं पाण्डुराङ्गं शूलहस्तं कृपानिधिम्।
सर्वरोगहरं देवं दत्तात्रेयमहं भजे॥

अस्य श्रीदत्तात्रेयस्तोत्रमन्त्रस्य भगवान् नारदऋषिः।
अनुष्टुप् छन्दः। श्रीदत्तपरमात्मा देवता।
श्रीदत्तप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः॥
जगदुत्पत्तिकर्त्रे च स्थितिसंहार हेतवे।
भवपाशविमुक्ताय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते।।
 
जराजन्मविनाशाय देहशुद्धिकराय च।
दिगम्बरदयामूर्ते दत्तात्रेय नमोऽस्तुते।।
कर्पूरकान्तिदेहाय ब्रह्ममूर्तिधराय च।
वेदशास्त्रपरिज्ञाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते॥
र्हस्वदीर्घकृशस्थूल-नामगोत्र-विवर्जित।
पञ्चभूतैकदीप्ताय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते॥
यज्ञभोक्ते च यज्ञाय यज्ञरूपधराय च।
यज्ञप्रियाय सिद्धाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते॥
आदौ ब्रह्मा मध्य विष्णुरन्ते देवः सदाशिवः।
मूर्तित्रयस्वरूपाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते॥
भोगालयाय भोगाय योगयोग्याय धारिणे।

जितेन्द्रियजितज्ञाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते॥
दिगम्बराय दिव्याय दिव्यरूपध्राय च।
सदोदितपरब्रह्म दत्तात्रेय नमोऽस्तुते॥
जम्बुद्वीपमहाक्षेत्रमातापुरनिवासिने।
जयमानसतां देव दत्तात्रेय नमोऽस्तुते॥

भिक्षाटनं गृहे ग्रामे पात्रं हेममयं करे।
नानास्वादमयी भिक्षा दत्तात्रेय नमोऽस्तुते॥
ब्रह्मज्ञानमयी मुद्रा वस्त्रे चाकाशभूतले।
प्रज्ञानघनबोधाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते॥
अवधूतसदानन्दपरब्रह्मस्वरूपिणे।
विदेहदेहरूपाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते॥

सत्यंरूपसदाचारसत्यधर्मपरायण।
सत्याश्रयपरोक्षाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते॥
शूलहस्तगदापाणे वनमालासुकन्धर।
यज्ञसूत्रधरब्रह्मन् दत्तात्रेय नमोऽस्तुते॥
क्षराक्षरस्वरूपाय परात्परतराय च।
दत्तमुक्तिपरस्तोत्र दत्तात्रेय नमोऽस्तुते॥
दत्त विद्याढ्यलक्ष्मीश दत्त स्वात्मस्वरूपिणे।
गुणनिर्गुणरूपाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते॥
शत्रुनाशकरं स्तोत्रं ज्ञानविज्ञानदायकम्।
सर्वपापं शमं याति दत्तात्रेय नमोऽस्तुते॥
इदं स्तोत्रं महद्दिव्यं दत्तप्रत्यक्षकारकम्।
दत्तात्रेयप्रसादाच्च नारदेन प्रकीर्तितम्॥

॥इति श्रीनारदपुराणे नारदविरचितं दत्तात्रेयस्तोत्रं सुसम्पूर्णम्॥

8.दत्तात्रेय आसन सुरक्षा मंत्र| Dattatreya Asan Suraksha Mantra

दत्तात्रेय आसन सुरक्षा मंत्र

आसन ब्रह्मा, आसन विष्णु, आसन इन्द्र, आसन बैठे गुरु गोविन्द ।
आसन बैठो, धरो ध्यान, स्वामी कथनो ब्रह्म-ज्ञान ।
अजर आसन, वज्र किवाड़, वज्र वज़ड़े दशम द्वार ।
जो घाले वज्र घाव, उलट वज्र वाहि को खाव ।
हृदय मेरे हर बसे, जिसमें देव अनन्त ।
चौकी हनुमन्त वीर की ।
हनुमन्त वीर, पाँव जञ्जीर ।
लोहे की कोठी, वज्र का ताला ।
हमारे घट-पिण्ड का गुरु देवदत्त आप रखवाला ।
पाय कोस अगुम कीले, पाय कोस पश्चिम कीले ।
पाय कोस उत्तर कीलूँ, पाय कोस दक्षिण कीलूँ ।
तिल कीलूँ, तिल-बाड़ी कीलूँ ।
अस्सी कोस की सारी विद्या कीलूँ ।
नाचे भूत, तड़तड़ावे मसान ।
मेरा कील या करे उत्कील, वाको मारे हनुमन्त वीर ।
मेरा कील या करे उत्कील, ढाई पिण्ड भीतर मरे ।
मेरा दिया बाँध टूटे, हनुमान की हाँक टूटे ।
रामचन्द्र का धनुष टूटे ।
सीता का सत टूटे ।
लक्ष्मण की कार छूटे ।
गंगा का नीर फूटे ।
ब्रह्मा का वाक टूटे ।
गऊ, गायत्री, ईश्वर-रक्षक ।
या पै ना मूल लगावे, ना लार ।
रक्षा करे गुरु दातार ।। १

खिन्न दाहिने, खिन्न बाएँ ।
खिन्न आगे, खिन्न पीछे होवे गुरु गोसाईं सिमरते ।
काया भंग ना होवे ।। २

काल ना ढूके, बाघ ना खावे ।। ३

अनुक नाम सिर पर ना घाले घाव ।। ४

हमारे सिर पर अलख गुरु का पाँव ।। ५

रुखा बरखा, बीन हमारी, माल हमारा कूड़ा ।
जात हमारी सबसे ऊँची, शब्द गुरु का पूरा ।। ६

चारों खानी, चार वाणी, चन्द्र-सूरज-पवन पाणी ।
धूनी ले आया बाल गोपाल । सब सन्तन मिल चेतावनी ।
बारह जागे, गढ़े निशान ।
हमारे सिर पर काल-जाल, जम-दूत का लगे ना दाँव ।। ७

वज्र-कासौटी बाहर-भीतर, वन में वासा अचिन्त साँप, गौहरा आवे न पास ।। ८

सख्त धरती, मुक्त आकाश ।
घट-पिण्ड-प्राण, गुरुजी के पास ।। ९

रात रखे चन्द्रमा, दिन रखे सूरज, सदा रखे धरतरी ।
काल-कण्टक सब दूर रखे ।। १०

उगम पश्चिम कीलूँ, उगमी उत्तर-दक्षिण कीलूँ, अमुक नाम चले गोदावरी ।
लख अवधूत साथ ।
बाँधूँ चोर, सर्प और नाहर के सारे डार ।
रक्षा करें गुरु दातार ।। ११

जो जाने आसन-गायत्री का भेद ।
आपे कर्त्ता, आपे देव ।। १२

 
9.अवधूत चिंतन श्री गुरुदेव दत्त मंत्र | Dattatreya Avdoot Chintan Shri Gurudev Dutt mantra

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