BHOOTNATH ASTHKAM । भूतनाथ अष्टकम्

BHOOTNATH ASTHKAM  भूतनाथ अष्टकम्

शिव शि व शक्ति ना थं संहारं शं स्वरूपम्

नव नव नित्यनृत्यं ताण्डवं तं तन्ना दम्

घन घन घूर्णी मेघम् घंघोरं घं न्नि ना दम्

भज भज भस्मलेपम् भजामि भूतना थम् ||१||


कळ कळ का ळरूपमं कल्लो ळम् कं कराळम्

डम डम डमना दं डम्बुरुं डंकना दम्

सम सम शक्तग्रि बम् सर्बभूतं शुरेशम्

भज भज भस्मलेपम भजामि भूतना थम् ||२||


रम रम रा मभक्तं रमेशं रांरा रा बम्

मम मम मुक्तहस्तम् महेशं मं मधुरम्

बम बम ब्रह्म रूपमं बा मेशं बं बिनाशम

भज भज भस्मलेपम भजा मि भूतना थम् ||३||


हर हर हरिप्रियं त्रितापं हं संहारम्

खम खम क्षमा शी ळं सपापं खं क्षमणम्

द्दग द्दग ध्यान मूर्त्तिम् सगुणंधं धा रणम्

भज भज भस्मलेपम भजा मि भूतना थम् ||४||


पम पम पापनाशं प्रज्वलं पं प्रका शम्

गम गम गुह्यतत्त्वं गिरिषं गं गणानाम्

दम दम दानहस्तं धुन्दरं दं दारुणं

भज भज भस्मलेपम भजामि भूतना थम् ||५||


गम गम गीतना थं दूर्गमं गं गंतब्यम्

टम टम रूंडमाळम् टंका रम् टंकनादम्

भम भम भ्रम् भ्रमरम् भैरवम् क्षेत्रपाळम्

भज भज भस्मलेपम भजा मि भूतना थम् ||६||


त्रिशुळधारी संघारकारी गिरिजानाथम् ईश्वरम्

पार्वतीपति त्वम् मायापति शुभ्रवर्णम् महेश्वरम्

कैळाशनाथ सतिप्राणनाथ महाकालं कालेश्वरम्

अर्धचंद्रम् शीरकिरीटम् भूतनाथं शिबम् भजे ||७||


नीलकंठाय सत्स्वरूपा य सदा शिवाय नमो नमः

यक्षरूपा य जटाधरा य नागदेवाय नमो नमः

इंद्रहाराय त्रिलोचनाय गंगाधराय नमो नमः

अर्धचंद्रम् शीरकिरीटम् भूतनाथं शिबम् भजे ||८||


तब कृपाकृष्णदासः भजति भूतनाथम्

तब कृपाकृष्णदासः स्मरति भूतनाथम्

तब कृपाकृष्णदासः पश्यति भूतनाथम्

तब कृपाकृष्णदा सः पिबति भूतनाथम् ||०||


|| अथ कृष्णदासः विरचित भूतनाथ अष्टकम्यः

पठति निस्कामभाबेन सः शिवलोकं सगच्छति

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