Agnihotra mantra | अग्निहोत्र मन्त्र

 Agnihotra Mantra |  अग्निहोत्र मन्त्र 


 Agnihotra mantra  |  अग्निहोत्र मन्त्र 

अग्निहोत्र मन्त्र  कब पढ़े  |  Agnihotra timings and mantra

 सूर्योदय और सूर्यास्त के समय ही यह यज्ञ करने का महत्त्व बताया गया है. इसमें प्रातःकाल 12 आहुतियाँ और सांयकाल 12 आहुतियाँ दी जाती हैं. 



हवन करते समय कौन से मंत्र बोले जाते हैं?

निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण  सूर्योदय के समय करना चाहिए | Agnihotra mantra sunrise

सूर्याय स्वाहा सूर्याय इदम् न मम .

प्रजापतये स्वाहा प्रजापतये इदम् न मम ..


 निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण सूर्यास्त के समय निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करना चाहिए

| Agnihotra mantra sunset 

अग्नये स्वाहा अग्नये इदम् न मम .

प्रजापतये स्वाहा प्रजापतये इदम् न मम ..


 परिवार के किसी एक सदस्य को ‘अग्निहोत्र’ करना चाहिए व अन्य सदस्यों को साथ में मंत्रोच्चारण करना चाहिए. आहुति करने के लिए व्यक्ति को अपने दाहिने हाथ की मध्यमा, अनामिका अँगूठे की सहायता से अक्षत मिश्रण को यज्ञ पात्र में अर्पण करना चाहिए. अग्निहोत्र करने का सही समय सूर्योदय या सूर्यास्त ही है.


हवन यज्ञ कैसे होता है?

1. गाय के गोबर के कुछ कंडे  को घी में लपेटकर अग्निहोत्र के बर्तन में रखें।

2. लगभग एक चम्मच चावल से भरे हुए चावल में थोड़ी मात्रा में घी मिलाएं और उन्हें एक तरफ रख दें।

3. सूर्योदय/सूर्यास्त समय से कुछ मिनट पहले करे 

मंत्र का जाप करते समय घी लगे हुए चावल को अर्पित करें (बस इतना है कि कोई टिप में पकड़ सकता है

पांच अंगुलियों से) अग्नि में 'स्वाहा' के उच्चारण पर।

अग्निहोत्र के उपरांत  अग्नि शांत होने तक ध्यान करे .अग्नि शांत होने के उपरांत उसकी भस्म को सुरक्षित किसी पात्र में रखें व पेड़ – पौधों के लिए खाद के रूप में इस्तेमाल करें.


Agnihotra Mantra Benefits | अग्निहोत्र मन्त्र के लाभ

  • यज्ञ से उत्पन्न धुएं से आस – पास का दूषित वातावरण शुद्ध व स्वच्छ हो जाता है. 
  • इससे आस – पास के कीटाणु भी नष्ट हो जाते हैं. 
  • इस यज्ञ को करने से लोगों के मन में सकारात्मक भाव उत्पन्न होता है. 
  • इस यज्ञ को करने से मनुष्य की कठिनाई दूर होती है. 
  •  धन – धान्की समस्या, खाद्यान की समस्या, संतान प्राप्ति की समस्या दूर होती है, 
  • इस यज्ञ को करने से व्यक्ति अन्य लोगों की अपेक्षा निरोगी बनते हैं व स्वस्थ रहते हैं. 
  •  इस यज्ञ को करने से वायु शुद्ध होती है, यह यज्ञ लोगों को रोग मुक्त बनाता है.
  • यहाँ तक की मोक्ष की प्राप्ति होती है. 
  • यज्ञ के दौरान मंत्रोच्चारण से ईश्वर की कृपा सदा बनी रहती है.


 हमें प्रतिदिन अग्निहोत्र करने के लिए समय निकालना चाहिए.

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